द लेंस डेस्क। मुंबई के सात नवंबर 2006 के ट्रेन में हुए धमाकों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के 12 आरोपियों को बरी कर देने के फैसले को (MUMBAI TRAIN BLAST CASE) सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस धमाके में 189 लोग मारे गए थे। हाई कोर्ट के फैसले के दो दिन बाद ही इसे महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। महाराष्ट्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए महाधिवक्ता तुषार मेहता ने इस मामले में जल्द सुनवाई का आग्रह किया। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 24 जुलाई गुरुवार को सुनवाई करेगा।
इससे पहले सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने सितंबर, 2015 के विशेष अदालत के फैसले को पलट दिया था। विशेष अदालत ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) के तहत पांच अभियुक्तों को फांसी की सजा और सात अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन अभियुक्तों के खिलाफ अभियोग साबित करने में पूरी तरह नाकाम रहा। हाई कोर्ट के फैसले के तुंरत बाद सोमवार को आठ आरोपियों को जेल से रिहा भी कर दिया गया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले की सुनवाई ने इस मामले में नया मोड़ ला दिया है।