[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
अमेरिका में हुआ हेलीकॉप्टर क्रैश, सभी सवार की गयीं जानें
गलतफहमी न पालें, चंद्र ग्रहण देखने से नहीं होता कोई दुष्प्रभाव
मंत्री केदार कश्यप ने लकवागस्त चतुर्थश्रेणी कर्मचारी को मारे कई थप्पड़
Regent Procurement Scandal: मोक्षित कॉर्पोरेशन की दो आलीशान कारें जब्‍त
आतंकी फंडिंग मामले में 6.34 लाख रुपये की संपत्ति जब्त
इच्छा मृत्यु मांगने वाले BJP नेता से मिले सीएम साय, अब एम्‍स में चल रहा इलाज
The Bengal Files पर बोले नेताजी के परपोते चंद्र कुमार बोस, ‘फिल्म में राजनीतिक हस्तक्षेप ठीक नहीं’
कर्नाटक चुनाव आयोग अध्यक्ष ने कहा- “लोकतंत्र में बैलेट पेपर सर्वोत्तम प्रथा”
बिलासपुर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, मैट्रिक सर्टिफिकेट ही उम्र निर्धारण का अंतिम आधार
Chhattisgarh Drug Racket: नव्या मलिक और विधि अग्रवाल जेल भेजी गईं, 15 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

सवालों की धुंध में लिपटा इस्तीफा

Editorial Board
Last updated: July 22, 2025 9:42 pm
Editorial Board
Share
Jagdeep Dhankhar
SHARE

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे के लिए अपनी खराब सेहत को वजह बताया है, लेकिन जिन हालात में यह अभूतपूर्व कदम उठाया गया है, उससे कई गंभीर सवाल उठते हैं। धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले दिन सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया था, लेकिन शाम को उनके इस्तीफे ने सबको चौका दिया। दरअसल सुबह उन्होंने कार्यमंत्रणा समिति की अहम बैठक में हिस्सा लिया था और उसके बाद यह बैठक शाम को फिर प्रस्तावित थी, जिसमें दो केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू को भी शामिल होना था, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हुए। यदि यह सच है कि नड्डा और रिजिजू की इस बैठक में गैरमौजूदगी की राज्यसभा के तत्कालीन सभापति धनखड़ को पूर्व सूचना नहीं थी, तो यह वाकई गंभीर मामला है। दरअसल जिस तेजी से घटनाक्रम चले हैं, उन्होंने उनके इस्तीफे के इर्द गिर्द अटकलों और अंदेशों को जन्म दिया है। वास्तव में खुद धनखड़ ने महज दस दिन पहले ही कहा था कि ईश्वर ने चाहा तो वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। संसदीय परंपरा और कानून के जानकार धनखड़ ने 2022 में उपराष्ट्रपति का पद संभाला था और अगस्त 2027 तक उनका कार्यकाल था। उपराष्ट्रपति बनने से पहले वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे और उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का पसंदीदा माना जाता रहा है। हालत यह हो गई थी कि विपक्ष ने उनके खिलाफ एक समय महाभियोग के जरिये पद से हटाने की नाकाम कोशिश तक की। और आज कांग्रेस उनके इस्तीफे को लेकर सरकार को घेर रही है, तो इसके पीछे की राजनीति को भी समझने की जरूरत है। निस्संदेह धनखड़ की सेहत सबसे ऊपर है, और सरकार तथा देश को इसकी चिंता होनी ही चाहिए। लेकिन, यह भी साफ होना चाहिए कि देश की संसदीय और लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस कौन पहुंचा रहा है। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से देश की संसदीय परंपरा और उपराष्ट्रपति पद की मर्यादा पर छाई धुंध छंटनी चाहिए।

TAGGED:EditorialJagdeep DhankharVICE PRESIDENT
Previous Article Agricultural Land 2200 वर्गफीट से कम की कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं
Next Article J&K Police J&K पुलिस ने अपने ही कांस्टेबल काे हिरासत में दी यातना, फिर कर दिया फर्जी FIR, सुप्रीम कोर्ट नाराज

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

कर्नाटक बजट:बेंगलुरु को मिले 7 हजार करोड़ रूपये, सभी फिल्में 200 रुपये के फिक्स्ड प्राइस में

बेंगलुरु। कर्नाटक आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने 2025-26 का बजट पेश किया है, जो…

By पूनम ऋतु सेन

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास का निधन, 33 साल तक की रामलला की सेवा

अयोध्या। राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बुधवार को 85 वर्ष की…

By The Lens Desk

झारखंड शराब केस में बढ़ीं AP त्रिपाठी की मुश्किलें, रांची ले जाने ACB ने कोर्ट से मांगा प्रोडक्शन वारंट

रायपुर। झारखंड के शराब घोटाला मामले (Jharkhand Liquor Scam) में एसीबी AP त्रिपाठी को झारखंड…

By Lens News

You Might Also Like

Shubh-Labh
लेंस संपादकीय

लोकतंत्र का शुभ–लाभ !

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

मराठा आरक्षणः इस बार आरपार का मतलब

By Editorial Board
The Lens
English

The lens launched

By Editorial Board
Prajwal Revanna
लेंस संपादकीय

अंततः न्याय

By Editorial Board
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?