रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। चैतन्य बघेल को पुलिस रिमांड खत्म होने पर कोर्ट में पेश किया गया था। ED की स्पेशल कोर्ट ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद चैतन्य बघेल को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। ED ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था। CG Liquor Scam
ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि चैतन्य बघेल के घर 18 जुलाई को छापा मारा गया था। उनके घर में सर्च की कार्रवाई की गई, उसके बाद सवालात किए गए. उसके बाद उचित उत्तर प्राप्त नहीं हुए तो सर्च के बाद उनकी अरेस्ट की गई। कोर्ट ने 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड मांगी गई थी, जो आज समाप्त हो गई। रिमांड के दौरान उनसे पूछताछ की उनसे में बहुत सारे डॉक्यूमेंट से कन्फ्रंट कराया, न केवल स्टेटमेंट से बल्कि डॉक्यूमेंट से भी कन्फ्रंट कराया गया। कुछ चीजों में उन्होंने कंसीड भी किया।
उन्होंने कहा कि अब हमें इन्वेस्टिगेशन को आगे बढ़ाना है और लोगों को भी अपने इन्वेस्टिगेशन में बुलाना है। वर्तमान स्थिति में जो इनसे पूछताछ की जानी थी जिन दस्तावेजों को दिखा करके इसे इनसे कंफर्म कराया जाना था वह पूरा हो गया। इसलिए हमने उनकी जुडिशियल कस्टडी की मांग की है। इसको माननीय न्यायालय ने स्वीकार किया है और 4 अगस्त तक ज्यूडिशल कस्टडी ग्रांट की है।
उन्होंने आगे बताया कि प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लांड्रिंग एक्ट के अंतर्गत जो अरेस्ट का प्रावधान है। वह धारा 19 के अंतर्गत दिया गया है, धारा 19 के अंतर्गत मनी डॉनिंग केस में किसी को अरेस्ट करना है और जो भी फॉर्मेलिटी धारा 19 पीएमएलए में दी गई है, वह सारी फॉर्मेलिटी को पूरा करने के बाद ही अरेस्ट की गई है। अरेस्ट में कोई भी विधिक त्रुटि नहीं है।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि फैजल रिजवी ने कहा कि 5 दिन कि रिमांड खत्म हुईं है और उसके उपरांत ED ने 14 दिन कि न्यायिक अभिरक्षा के लिए अप्लीकेशन दिया था। जिसमें बचाओ पक्ष के मैंने और हर्षवर्ध ने अपने तथ्य रखे है। जो तीन तथ्यों के आधार पर इनकी गिरफ़्तारी बिना समन दिया धारा 250 एक्ट के तहत जो समन दिया जाता है, बिना इनको सुने गिरफ्तार किया गया है। ये पहली बार ऐसा हुआ है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से ED यहां कार्रवाई कर रही है। मेरे हिसाब से पहला ये उदहारण होगा किसी व्यक्ति को बिना नोटिस दिए गिरफ्तार किया गया है। ये वजह ED ही जान सकती है। पहले भी उन्होंने रिमांड अप्लीकेशन दिया था। उसमें प्रमुखता से एक व्यक्ति लक्ष्मी नारायण बंसल उनका नाम लिया गया था कि उन्होंने बताया था कि हजार करोड़। लेकिन, लक्ष्मी नारायण बंसल एक ऐसा व्यक्ति है जिसका परमानेंट अरेस्ट वारंट प्रथम अप्पर न्यायधीश के अदालत से 19 मई से निकला हुआ है। वो व्यक्ति आजतक कभी ED के यहां बयान दे रहा है, कभी ACB के यहां बयान दे रहा है। उसके बयान के आधार पर इनको अरेस्ट किया है। जो 2 इन्होंने और तथ्य रखे थे, 5 करोड़ सहेली ज्वेलर्स से लोन लिया है और 4.50 करोड़ अभी बकाया है। एक भी रूपए इंट्रेस्ट नहीं दिया गया है। जीरो इंट्रेस्ट में अप्लीकेशन में लिखा गया है।
उन्होंने कहा कि मैंने न्यालय के समक्ष वो चीजें रखी है कि जो ED को भी सहेली ज्वेलर्स के मालिक ने कि ये बता दिया है कि फरवरी 2025 में उनको बुलाया गया है। 2 करोड़ 21 लाख रूपए के आसपास इंट्रेस्ट चैतन्य बघेल ने उनको दिया है और लगभग 20 लाख के आसपास उसमे टीडीएस कटा है। वो तथ्य ऐसा है कि जिसको छुपाकर उसको सर प्लस करके ED ने रिमांड लिया है।