रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के मौजूदा सीएम और उद्योगपति गौतम अडानी पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस के 22 जुलाई को प्रस्तावित आर्थिक नाकेबंदी से पहले बघेल ने आज सोशल मीडिया पर साय और अडानी की एक तस्वीर साझा करते हुए चुटकी ली, ‘इस तस्वीर के लिए पांच साल इंतजार करना पड़ा।’ भूपेश का इशारा छत्तीसगढ़ में 2018 से 2023 के बीच उनकी अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार की ओर है। इसके साथ ही उन्होंने एक और तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें राहुल गांधी, पीएम नरेंद्र मोदी और अडानी की एक साझा तस्वीर लोकसभा में दिखाते हुए नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि 18 जुलाई को ईडी ने छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले में भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई उनके भिलाई स्थित आवास पर छापेमारी के बाद की गई, जो चैतन्य के जन्मदिन के दिन हुई। बघेल ने इसे ‘मोदी और शाह का तोहफा’ करार देते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि यह कार्रवाई इसलिए की गई ताकि विधानसभा में तमनार में अडानी के लिए काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा न उठाया जा सके।
ईडी ने इस मामले में दावा किया है कि 2019 से 2022 के बीच भूपेश बघेल की सरकार के दौरान शराब घोटाले में राज्य को 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं, राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), जो कथित शराब घोटाले के आपराधिक पहलुओं की जांच कर रही है, के अनुसार इस घोटाले का आकार 3,200 करोड़ रुपये का है। इस मामले में 22 आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है।
भूपेश बघेल ने क्या आरोप लगाए
भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और अडानी के बीच कथित साठगांठ का जिक्र किया। उन्होंने 12 जनवरी 2025 को रायपुर में मुख्यमंत्री निवास पर खींची गई एक तस्वीर साझा की, जिसमें साय और अडानी साथ नजर आ रहे हैं। बघेल ने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ को “अडानीगढ़” बनाने की कोशिश हो रही है।
अपनी पोस्ट में भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने 2018 में सत्ता में आने के बाद बैलाडीला में अडानी की खनन परियोजना को फर्जी ग्राम सभा के आधार पर रद्द किया था। इसके बाद से अडानी और सत्ताधारी दल उनके खिलाफ साजिश रच रहे हैं। बघेल ने हसदेव और तमनार में हजारों पेड़ काटे जाने का जिक्र करते हुए दावा किया कि यह सब अडानी के लिए किया जा रहा है।
बघेल ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि कांग्रेस 22 जुलाई को पूरे छत्तीसगढ़ में आर्थिक नाकेबंदी और प्रदर्शन करेगी। उन्होंने इसे छत्तीसगढ़ को बचाने की साझा लड़ाई करार दिया और कहा कि यह सिर्फ उनकी निजी लड़ाई नहीं है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी इस प्रदर्शन का ऐलान किया है, जिसमें पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक शामिल होंगे।