[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
तो क्‍या बिहार NDA में सब ठीक है? चिराग के घर क्‍यों पहुंचे सीएम नीतीश
छत्तीसगढ़ में CRPF जवान ने की खुदकुशी
कथाकार विनोद कुमार शुक्ल की तबीयत बिगड़ी, अस्‍पताल में भर्ती
भाजपा नेता का दुस्‍साहस, किसान को थार से कुचलकर मार डाला, बेटियों से बदसलूकी
पूर्व सीएम के बेटे को राहत नहीं, ईडी कोर्ट ने चैतन्य बघेल की जमानत अर्जी की खारिज
बिहार के प्रवासी मजदूरों की दुविधाः वोट दें या नौकरी पर लौटें
छत्तीसगढ़, UP सहित देशभर के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कल से शुरू होगा मतदाता सूची का SIR
ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़ पर कैलाश विजयवर्गीय की अजीब सलाह, बोले – खिलाड़ी जब बाहर निकलें तो…
ED ने 11 हजार करोड़ के बैंक फ्रॉड केस में CPL और उसके प्रमोटर्स जायसवाल परिवार पर कसा शिकंजा
सीजेआई पर विवादित टिप्पणी करने वाला यूट्यूबर अजीत भारती पंजाब हाईकोर्ट की शरण में, दर्ज हैं सैकड़ों FIR
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
दुनिया

ब्रह्मपुत्र पर चीन के बन रहे एक और डैम से भारत और बांग्लादेश में क्यों बढ़ी चिंता ?

पूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
Follow:
Published: July 20, 2025 1:54 PM
Last updated: July 21, 2025 1:48 AM
Share
tibet dam
tibet dam
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

लेंस इंटरनेशनल डेस्क। चीन ने तिब्बत (tibet dam) में ब्रह्मपुत्र नदी (चीन में यारलुंग सांगपो नाम ) पर दुनिया के सबसे बड़े बांध का निर्माण शुरू कर दिया है। शनिवार को चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने न्यिंगची शहर में इस विशाल परियोजना की आधारशिला रखी। इस बांध की अनुमानित लागत 167.8 अरब डॉलर (लगभग 12 लाख करोड़ रुपये) है, जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना बनाती है। यह परियोजना भारत और बांग्लादेश के लिए चिंता का विषय बन गई है क्योंकि यह बांध अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास बन रहा है और इसके पर्यावरणीय व भू-राजनीतिक प्रभाव हो सकते हैं।

खबर में खास
क्या है यह बांध परियोजना ?भारत की जवाबी रणनीतिक्या कहता है चीन?

क्या है यह बांध परियोजना ?

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार यह बांध हिमालय की एक विशाल घाटी में बनाया जा रहा है, जहां ब्रह्मपुत्र नदी तीखा मोड़ यानी सी शेप लेकर अरुणाचल प्रदेश और फिर बांग्लादेश की ओर बहती है। परियोजना में पांच सीढ़ीदार हाइड्रोलिक स्टेशन होंगे, जो हर साल 300 अरब किलोवाट-घंटे से ज्यादा बिजली पैदा करेंगे। यह बिजली 30 करोड़ लोगों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकती है जो चीन के थ्री गॉर्जेस डैम से तीन गुना अधिक है।

भारत और बांग्लादेश की चिंताएं

यह बांध तिब्बत पठार के भूकंप-प्रवण क्षेत्र में बन रहा है, जो पर्यावरण के लिए जोखिम भरा है। भारत और बांग्लादेश जो पहले से ही बाढ़, भूस्खलन और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से जूझ रहे हैं, इस बांध से और खतरे की आशंका जता रहे हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने 3 जनवरी 2025 को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि इस बांध से निचले इलाकों, खासकर अरुणाचल प्रदेश और असम, में पानी की आपूर्ति और बाढ़ नियंत्रण पर असर पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन इस बांध के जरिए नदी के जलप्रवाह को नियंत्रित कर सकता है, जिससे सूखे या बाढ़ की स्थिति पैदा हो सकती है। बांग्लादेश में भी नदी के प्रवाह में कमी से कृषि, मछली पालन और पीने के पानी की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है।

भारत की जवाबी रणनीति

भारत भी अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक बड़ा बांध बना रहा है ताकि चीन की परियोजना के प्रभाव को कम किया जा सके। 2006 से भारत और चीन के बीच एक विशेषज्ञ स्तर तंत्र (ELM) के तहत ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों के जलप्रवाह डेटा साझा किए जाते हैं। पिछले साल दिसंबर में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत में भी यह मुद्दा उठा था। भारत ने बार-बार पारदर्शिता और निचले इलाकों के हितों की रक्षा की मांग की है।

पहले भी उठ चुकी हैं चिंताएं

यह पहली बार नहीं है जब चीन की परियोजना से भारत की चिंताएं बढ़ी हैं। 2015 में चीन ने तिब्बत में 1.5 अरब डॉलर की लागत से जम हाइड्रोपावर स्टेशन शुरू किया था, जिस पर भारत ने जल नियंत्रण और पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर सवाल उठाए थे। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह नया बांध न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी असर डाल सकता है।

क्या कहता है चीन?

चीन का दावा है कि यह परियोजना सुरक्षित है और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देती है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि यह बांध स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देगा और तिब्बत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। हालांकि भारत और बांग्लादेश का मानना है कि इस परियोजना पर पारदर्शी जानकारी और क्षेत्रीय सहयोग की जरूरत है।

यह बांध दक्षिण एशिया में पानी और भू-राजनीति के लिए एक नया टकराव बिंदु बन सकता है। भारत और बांग्लादेश को मिलकर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इस बीच, भारत अपनी परियोजनाओं और कूटनीतिक प्रयासों के जरिए इस चुनौती का सामना करने की तैयारी कर रहा है।

TAGGED:china damindo china relationLatest_Newstibet dam
Byपूनम ऋतु सेन
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article Naseeruddin Shah birthday 75 के हुए Naseeruddin Shah: एक बेबाक अभिनेता का शानदार सफर
Next Article पब्लिक पावर सेक्टर को बचाने देशभर के इंजीनियरों ने उठाई आवाज, केन्द्र और राज्य सरकारों को दी चेतावनी
Lens poster

Popular Posts

एनएमडीसी के दरवाजों पर जायज नारे

बस्तर में गुरुवार को नारों की गूंज सुनाई दी। ये नारे नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन–एनएमडीसी…

By Editorial Board

बस्तर में कर्रेगुट्टा की पहाड़ी में माओवादियों की गुफा तक पहुंची फोर्स, रात भर फायरिंग और बम धमाकों की आवाज से इलाके में हाई अलर्ट

कर्रेमेटा से बप्पी राय की रिपोर्ट बीजापुर-तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेमेटा पहाड़ी पर चल रहे अब…

By Lens News

मध्यप्रदेश में 12 जिलों के कलेक्टर बदले गए, देखें लिस्ट

भोपाल। मध्यप्रदेश में आईएएस अफसरों के बड़ी संख्या में तबादले किए गए हैं। 24 अफसरों…

By Lens News Network

You Might Also Like

Trump Shehbaz Meeting
दुनिया

ट्रम्प ने शाहबाज और मुनीर को बताया महान, रेड कार्पेट स्वागत के बाद पाकिस्तानी PM से बंद कमरे में बातचीत

By आवेश तिवारी
Kisan Jawan Samvidhan
देश

पहलगाम हमले से पहले थी खुफिया जानकारी? खरगे ने पीएम मोदी पर लगाए गंभीर आरोप

By Lens News Network
Pakistani PM Sharif claims
दुनिया

पाकिस्तानी पीएम शरीफ का यूएन में भारत के खिलाफ जीत का दावा

By आवेश तिवारी
Nitish Kumar viral video
बिहार

बिहार : मुख्यमंत्री मजाक के पात्र या बनाया जा रहा है?

By राहुल कुमार गौरव

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?