लखनऊ। ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन की आज लखनऊ में हो रही आम सभा (फेडरल काउंसिल) में पॉवर सेक्टर में बिजली के निजीकरण पर मुख्य रूप से चर्चा होगी। लखनऊ में हो रही आम सभा में उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में चल रहे बिजली के निजीकरण के मुद्दे पर बात होगी।
ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने thelens.in को बताया कि फेडरल काउंसिल की बैठक में उत्तर प्रदेश में चल रही बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया और महाराष्ट्र में औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में निजी घरानों को पैरलल लाइसेंस देने की प्रक्रिया पर विशेष तौर पर चर्चा होगी। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में बिजली का निजीकरण निरस्त कराने के लिए देश व्यापी आन्दोलन के कार्यक्रम तय किए जाएंगे।
फेडरेशन के महासचिव पी रत्नाकर राव ने बताया कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल लोकसभा में पांच बार रखा जा चुका है। इसके बावजूद बिजली इंजीनियरों और कर्मचारियों के विरोध के चलते केन्द्र सरकार इसे पारित नहीं करा पाई है। अब केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय ने इलेक्ट्रिसिटी अमेण्डमेंट रूल्स के माध्यम से बिजली के निजीकरण की प्रक्रिया विभिन्न राज्यों में चला रखी है। ट्रांसमिशन के क्षेत्र में टैरिफ बेस्ड कम्पटीटिव बिडिंग के नाम पर नए बनने वाले ट्रांसमिशन बिजली सब स्टेशंस को राज्य सेक्टर से छीना जा रहा है।
इसी प्रकार उत्पादन के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निजी घरानों को बिजली उत्पादन परियोजनाएं सौंपी जा रही हैं। साथ ही सरकारी क्षेत्र में स्थापित ताप बिजली परियोजनाओं को ज्वांइंट वेन्चर कम्पनी के नाम पर स्टेट सेक्टर से छीना जा रहा है। कुल मिलाकर डिस्ट्रीब्यूशन, ट्रांसमिशन और जनरेशन सभी क्षेत्रों में निजीकरण की प्रक्रिया तेज की जा रही है।
लखनऊ में देश भर के इंजीनियरों जमावड़ा
ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन की लखनऊ में हो रही फेडरल काउंसिल की मीटिंग में मुख्य रूप से निजीकरण के विरोध में चर्चा होगी। अलग-अलग राज्यों से इंजीनियर्स संघों के पदाधिकारी विचार-विमर्श कर सरकार की नई लाई जा रही नीतियों के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तय करेंगे। लखनऊ में हो रही फेडरल काउंसिल की मीटिंग में लगभग 22 राज्यों के पॉवर इंजीनियर्स संघों के पदाधिकारी भाग लेने वाले हैं। अधिकांश राज्यों के पदाधिकारी मीटिंग में भाग लेने के लिए लखनऊ पहुंच चुके हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के अध्यक्ष संजय सिंह चौहान और महासचिव जितेन्द्र सिंह गुर्जर ने बताया कि ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन की लखनऊ में हो रही फेडरल काउंसिल की मीटिंग से उत्तर प्रदेश में निजीकरण के विरोध में चल रहे आन्दोलन में बिजली अभियन्ताओं और बिजली कर्मचारियों का मनोबल बढे़गा और उनके आन्दोलन को शक्ति मिलेगी।
234 वें दिन भी जारी बिजली कर्मचारियों का आंदोलन
उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में आज लगातार 234वें दिन बिजली कर्मचारियों और अभियन्ताओं ने सभी जनपदों और परियोजनाओं पर व्यापक विरोध प्रदर्शन जारी रखा। उत्तर प्रदेश में वाराणसी और आगरा की बिजली कंपनी को सरकार ने निजी कंपनियों के हाथाें देने की तैयारी कर ली है। इसकी वजह से करीब 234 दिनों से लगातार बिजली कंपनी से जुड़े इंजीनियर्स विरोध कर रहें हैं। आज 235 दिन होगा, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की रूप रेखा लखनऊ में तैयार की जा रही है।
बिजली के निजीकरण के विरोध में आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा हुई।