[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
कांग्रेस की बैठक में रविंद्र चौबे के बयान पर बवाल, महंत की चेतावनी-चमचों को संभालकर रखें
चीन की UNSC सीट के लिए नेहरू को क्यों बदनाम कर रहे हैं दिव्यकीर्ति?
प्रख्यात व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की बहू नमिता का निधन
GST COUNCIL : 5 सितम्बर मध्य रात्रि से नई GST दरें हो सकती हैं लागू, जानें क्‍या हो सकता सस्‍ता?
सुकमा जिले में नक्सल मोर्चे पर पुलिस और CRPF को बड़ी सफलता
छत्तीसगढ़ में ED फिर एक्शन में, अब कृषि व्यापार से जुड़े लोगों के घर मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर छापा
Lens Exclusive : मेडिकल कॉलेज घूस कांड की CBI चार्जशीट… षड्यंत्र में रावतपुरा सरकार, पूर्व IFS संजय शुक्ला और डॉ. अतिन कुंडू
अमित शाह को बस्तर में आई बाढ़ से लेकर पिछले महीने चले एंटी नक्सल ऑपरेशन की CM साय ने दी रिपोर्ट
रायपुर के बेबीलॉन टावर में आग, सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला
बस्तर बाढ़ पर PCC चीफ बैज ने सरकार को घेरा, कहा – सब कुछ तबाह हो गया और सरकार फटी साड़ियां दे रही
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
दुनिया

World View : तेल संकट के मुहाने पर भारत

सुदेशना रुहान
Last updated: July 19, 2025 5:49 pm
सुदेशना रुहान
Byसुदेशना रुहान
Follow:
Share
World View
SHARE
सुदेशना रुहान 

हालिया ईरान और इजरायल के बीच तनाव ने एशियाई देशों के लिए कच्चे तेल व पेट्रोलियम आपूर्ति को गंभीर अनिश्चितता में डाल दिया है। ऐसे समय में जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार, डॉलर और अमरीकी टैरिफ से पहले ही तनाव में है, कच्चे तेल की कमी इस स्थिति को और प्रभावित कर सकती है। 

खबर में खास
क्यों करता है भारत कच्चा तेल आयात?कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकभारत के समक्ष हालिया चुनौतीक्या है भारत की रणनीतिक तैयारी?SWOT विश्लेषण

भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत की 85 प्रतिशत जरूरतें आयात से पूरी करता है। इस समय आतंकवाद, लगातार गिरते रूपये के मूल्य और अमरीकी दबाव के बीच उलझा हुआ है। कच्चे तेल की कीमत 95–100 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। भारत का ‘ईंधन आयात खर्च’ तेजी से बढ़ रहा है। 2020 के मुक़ाबले रुपया ~76 रूपए प्रति डॉलर से गिरकर 2025 में ~83 रूपए प्रति डॉलर है। भारत अब 2020 की तुलना में प्रति बैरल 2.5 गुना अधिक रुपये चुका रहा है। 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चेतावनी दी है कि अगर यह अस्थिरता अगले 12–18 महीनों तक बनी रही, तो भारत की जीडीपी वृद्धि 7% की दर से फिसलकर ~6.5% तक आ सकती है,  जिससे रोज़गार और राजस्व दोनों प्रभावित होंगे। 

जून 2025 की शुरुआत से, ईरान के परमाणु व सैन्य ठिकानों पर इजरायल के हवाई हमलों ने, संभावित हथियार कार्यक्रमों पर नई खुफिया जानकारियों के चलते, दोनों देशों के बीच तनाव को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है। आतंरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए ‘होर्मुज बंदरगाह‘ को भविष्य में बंद करने की चेतावनी दी है। इससे दक्षिण और पूर्वी एशियाई देश सकते में हैं।

भारत के लिए कच्चे तेल के परिवहन मार्ग: दूरी समय एवं लागत

    मार्ग  औसत दूरी (समुद्री मील में)    अनुमानित दूरी (किमी में)यात्रा अवधिमूल्य भिन्नता
  होर्मुज़ से भारत (मुंबई)    1,500 nm2,800 किमी5–7 दिन  1 बैरल = 159 लीटर $72.06 प्रति बैरल = 6,014 रू    
केप ऑफ गुड होप से भारत (मुंबई)8,500 nm15,700 किमी20–25 दिन  $74.46 प्रति बैरल, 6,177 रू प्रति बैरल अर्थात प्रति बैरल 163  रू  की अतिरिक्त लागत
स्रोत: पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ, पीपीएसी,  14 जुलाई 2025  

होर्मुज़ गलियारा  ईरान की खाड़ी और अरब सागर को जोड़ने वाली एक संकरी समुद्री नाकेबंदी है, जिसके जरिए दुनिया का करीब 20 प्रतिशत कच्चा तेल अपने गंतव्य तक पहुँचता है। भारत के लिए यह एक लाईफ लाईन है, जिससे खाड़ी देशों से आयात किया गया तेल,  तेजी और कम लागत से देश के पश्चिमी बंदरगाहों तक पहुंचता है।

यदि ईरान-इजरायल का यह टकराव लंबा चला, तो यह न केवल होर्मुज को बल्कि दूसरे समुद्री मार्गों को भी खतरे में डाल देगा। इससे भारत को अपने तेल टैंकर को दक्षिण अफ्रीका के रास्ते से मोड़ना पड़ सकता है। इसमें दो हफ़्ते की अतिरिक्त यात्रा और करीब 20% अधिक मालभाड़े का शुल्क बढ़ेगा (PPAC, 2025)।

क्यों करता है भारत कच्चा तेल आयात?

  • भारत दुनिया का  तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है, लेकिन उसकी घरेलू उत्पादन क्षमता महज़ 15% ज़रूरतें ही पूरी कर पाती है (पीपीएसी, 2025)।
  • असम, गुजरात और मुंबई हाई के तटवर्ती क्षेत्रों में स्थित भारत के स्वयं के तेल क्षेत्र अब परिपक्व हो चुके हैं, राष्ट्रीय मांग से कहीं कम उत्पादन कर रहे।
    भारत का कच्चा तेल आयात व्यय- (2021–2025)
वित्त वर्ष आयातित मात्रा (मिलियन टन)कच्चे तेल की खरीद (अरब रू  में)
2021226 Mt6,113.53
2022230 Mt12,078.03
2023232.7 Mt16,824.75
2024232.5 Mt14,802.32
2025प्रतीक्षितप्रतीक्षित
स्रोत: भारतीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय– MoPNG/ पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ– PPAC तथा स्टैटिस्टा

कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक

विश्व स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें कई कारणों से प्रभावित होती हैं।

‘स्वीट क्रूड’ सबसे उच्च गुणवत्ता वाला और महंगा कच्चा तेल माना जाता है। जबकि निम्न श्रेणी के कच्चे तेल की कीमत कम होती है।

वैश्विक मांग के आधार पर निवेशक कच्चे तेल की मौजूदा कीमतों का आकलन करते हैं। अमेरिका, यूरोप और चीन कच्चे तेल के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की अंतरराष्ट्रीय मांग भी कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित करती है।

जो देश कच्चे तेल का उत्पादन नहीं करता, वह आयात करता है। इसे ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज, (OPEC) नियंत्रित करता है।

भारत के समक्ष हालिया चुनौती

1. कीमतों में उतार-चढ़ाव और महंगाई का खतरा

  • जून 2025 में, होरमुज़ बंदरगाह बंद होने की अटकलों के बीच कच्चे तेल की कीमतें 69 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर करीब 78 डॉलर प्रति बैरल तक
  • यदि ये संघर्ष लंबा खिंचता है, तो तेल की कीमतें 100–120 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं।
  • भारत का वार्षिक तेल आयात खर्च करीब 12–13 अरब डॉलर बढ़ेगा है, जीडीपी दर ~0.3% तक घट सकती है। 

2. चोकपॉइंट्स से आपूर्ति में बाधाएं:

  • होर्मुज बंदरगाह में चल रहे तनाव की वजह से टैंकरों की आवाजाही पर असर
  • भारत के लिए यह 25 दिन से बढ़कर हो सकता है 41 दिन का

3. भू–राजनीतिक असर:

  • भारतीय रिज़र्व बैंक पर दबाव
  • RBI की ब्याज़ दरें घटाने की क्षमता को कर रहा सीमित (स्रोत: फाइनेंशियल टाइम्स)

क्या है भारत की रणनीतिक तैयारी?

  1. विकेन्द्रित आयात 
  2. भारत अपनी तेल खरीद रणनीति को लगातार बदल रहा है,
  3. जून 2025 तक भारत ने रूस से $7–10 प्रति बैरल तक छूट के बीच लगभग 2.0–2.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन (bpd) तक की खरीदी की
  4. पिछले 11 महीने में ये सबसे अधिक ख़रीद
  5. साथ ही भारत ने अमेरिकी कच्चे तेल का आयात ~280,000 bpd से बढ़ाकर ~439,000 bpd किया (स्रोत: मिंट एवं ईटीएनर्जीवर्ल्ड)  

भारत द्वारा विभिन्न देशों से कच्चे तेल का आयात 2021-2025

  वर्ष सऊदी अरबईरानरूसअमेरिकाअन्य OPEC
202118%0%2%5%58%
202216%0%10%7%55%
202315%0%28%8%49%
202414%0%30%9%47%
202513%0%33%10%44%
स्रोत:
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (2024), आईएमएफ बाह्य क्षेत्र रिपोर्ट (2024) पीपीएसी मासिक तेल रिपोर्ट (2025)
आरबीआई बुलेटिन (2025), मिंट एवं ईटी एनर्जी वर्ल्ड (2025)


  • पेट्रोलियम भंडार (एसपीआर):

भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (एसपीआर) पेट्रोलियम मंत्रालय के अधीन आईएसपीआरएल द्वारा संचालित किए जाते हैं, जो

  • विशाखापत्तनम, मंगलूरु और पडूर में लगभग 5.33 मिलियन टन कच्चे तेल का संग्रहण 
  • मगर यह देश की कुल खपत के लिए सिर्फ 9–10 दिनों के लिए ही पर्याप्त
  • सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए भारत तलाश रहा यूएई और अमेरिका के साथ समझौते कर अतिरिक्त एसपीआर क्षमता लीज
  • ऊर्जा स्रोतों में बदलाव एवं नवीनीकरण:
  • कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए पवन और सौर्य ऊर्जा
  • 2025 के मध्य तक तक भारत में इन स्रोतों की हिस्सेदारी हो चुकी है लगभग 38%
  •  जिसमें राजस्थान के सोलर पार्क, गुजरात की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और कई महत्वाकांक्षी हाइब्रिड प्रोजेक्ट शामिल

SWOT विश्लेषण

श्रेणीसकारात्मकनकारात्मक
रणनीतिकआपूर्ति का विविधीकरण (रूस, अमेरिका) लचीलापन बढ़ाता हैहोरमुज़ बंद होने से 2 करोड़ बैरल प्रतिदिन (bpd) आयात पर खतरा
आर्थिकघरेलू तेल उत्पादकों के मार्जिन में वृद्धि; आपूर्तिकर्ताओं से सौदे में बेहतर शर्तेंबढ़ा हुआ आयात बिल, महंगाई, चालू खाते पर दबाव
भू-राजनीतिकअमेरिका, रूस और खाड़ी देशों के साथ संबंध मजबूत; कॉरिडोर योजनाएं जारीक्षेत्रीय अस्थिरता से व्यापार व रणनीतिक गलियारा परियोजनाएं प्रभावित
ऊर्जा संक्रमणकीमतों में झटके नवीकरणीय ऊर्जा व एसपीआर विस्तार में निवेश को प्रोत्साहित करते हैंजीवाश्म ईंधन पर निर्भरता ऊर्जा बदलाव को धीमा करती है; भंडारण की कमी से संघर्ष के दौरान ऊर्जा संकट का खतरा

इजराइल–ईरान युद्ध ने ऊर्जा बाज़ार में स्थिरता को चुनौती देकर, भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति को चिंताजनक बना दिया है। यह संघर्ष केवल क्षेत्रीय मामला नहीं, बल्कि ये राजस्व, जीडीपी, और विकास योजनाओं को प्रभावित करने जा रहा है।

भारत के लिए कूटनीति,  आयात में विकेन्द्रीकरण और ऊर्जा  नवीनीकरण जरूरी होंगे। आगामी दो तिमाही यह तय करेंगी कि नई दिल्ली और सरकार जोखिम को बदलने में कितने सफल होते हैं । 

TAGGED:Latest_NewsWorld View
Previous Article Bangla Labour बांग्लादेशियों के नाम पर भाजपा सरकार बांग्ला भाषियों को बना रही निशाना : माकपा
Next Article चंदन मिश्रा हत्याकांड में 6 संदिग्ध पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल, ADR ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई को बिहार में वोटर लिस्ट के लिए चल रही…

By पूनम ऋतु सेन

नागपुर में औरंगजेब कब्र विवाद से भड़की हिंसा, 55 से अधिक हिरासत में

नागपुर| महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहा विवाद सोमवार को हिंसक प्रदर्शनों…

By पूनम ऋतु सेन

जानिए, अल्‍पसंख्‍यकों पर हमले मामले में क्‍या है बांग्लादेश का जवाब

नई दिल्‍ली। भारत और बांग्लादेश के रिश्‍तों पर जमी बर्फ पिघलने के बजाय लगातार ठोस…

By The Lens Desk

You Might Also Like

Amit Shah
छत्तीसगढ़

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा, NFSU की रखी आधारशिला, 7 राज्यों के DGP और ADGP की ले रहे मीटिंग

By नितिन मिश्रा
Vice President of India
देश

चंद्रचूड़, आरिफ, हरिवंश, मनोज या फिर नीतीश कौन बनेगा अगला उपराष्ट्रपति

By आवेश तिवारी
opposition Press conference
देश

चुनाव आयोग नाकाम, कठपुतली जैसा व्यवहार, भंग हो लोकसभा’ – जानें विपक्ष ने और क्‍या कहा?

By अरुण पांडेय
Emergency in India
सरोकार

आपातकाल : राजशक्ति और जनशक्ति के तनाव से उभरा लोकतंत्र

By चंचल
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?