नई दिल्ली। भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में पदस्थ रहे एक चर्चित अफसर ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति ने स्वीकार भी कर लिया है। 17 जुलाई से उनके इस्तीफा प्रभावशील होगा। इसकी पुष्टि खुद वित्त मंत्रालय ने कर दी है। हम जिस अफसर की बात कर रहें हैं, उसने प्रवर्तन निदेशालय (ED) में सेवा के दौरान कई हाईप्रोफाइल मामलों की जांच की है। इतना ही नहीं उस अफसर ने पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले दो मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
हम जिस अफसर की बात कर रहें हैं, उस अफसर का नाम कपिल राज है। मूलत: उत्तरप्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले कपिल राज ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया है। कपिल की ही निगरानी में ही ईडी ने दो मुख्यमंत्री झारखंड के हेमंत सोरेन और दिल्ली के अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। कपिल 2009 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं और 45 वर्ष के हैं। कपिल राज ने ईडी में करीब 8 वर्षों तक सेवाएं दीं। हाल ही में उन्हें दिल्ली में जीएसटी इंटेलिजेंस विंग में अतिरिक्त आयुक्त पद तैनात थे।
उन्होंने जनवरी 2024 में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। रांची में एक कथित भूखंड मामले में सोरेन की गिरफ्तारी की निगरानी वे खुद कर रहे थे। सोरेन की गिरफ्तारी से पहले ऐसा माहौल बनाया था कि सोरेन ने हिरासत से पहले राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। कपिल राज इस बैठक के दौरान मौजूद थे और उसी के तुरंत बाद उनकी टीम ने सोरेन को हिरासत में ले लिया।
इसके बाद मार्च 2024 में कपिल राज के नेतृत्व में ही ईडी की टीम ने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। केजरीवाल के सरकारी आवास पर ईडी की तलाशी के बाद फ्लैग स्टाफ रोड स्थित उनके निवास पहुंचे। इतना ही नहीं मुंबई में ईडी के डिप्टी डायरेक्टर रहते हुए उन्होंने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, डीएचएफएल और इकबाल मिर्ची से जुड़े मामलों की भी जांच की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कपिल राज हर राजनीतिक गिरफ्तारियों के लिए पूछताछ प्रश्नावली तैयार करते और उन्हें अंतिम रूप देते थे। वह कई बार तलाशी अभियानों के दौरान खुद मौके पर पहुंचते थे ताकि जांच की निगरानी कर सकें और अपनी टीम का मनोबल बढ़ा सकें। वह एजेंसी की मुख्यालय जांच इकाई (HIU) के संवेदनशील और जटिल मामलों की निगरानी कर चुके हैं।
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