नई दिल्ली। संसद का बहुप्रतीक्षित मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है। तमाम विपक्षी पार्टियों ने इस सत्र को लेकर अलग-अलग बैठक कर ली है। अब इंडिया गठबंधन की संयुक्त बैठक शनिवार को होनी है। बैठक के ठीक पहले आम आदमी पार्टी ने इंडिया गठबंधन से खुद को अलग रखने का फैसला किया है।
माना जा रहा है कि टीएमसी भी इस बैठक में शामिल नहीं होगी। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने साफ कहा कि उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन की बैठकों में शामिल नहीं होगी। AAP नेता ने कहा कि हमारी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने पहले ही साफ कर दिया है कि हम इंडिया गठबंधन से बाहर हैं। राज्यसभा सांसद ने कहा कि AAP संसदीय मुद्दों पर टीएमसी और डीएमके जैसे विपक्षी दलों के साथ समन्वय बनाए रखेगी और उनका समर्थन करेगी, जैसा कि ये दल आम आदमी पार्टी का समर्थन करते हैं।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन का होगा विस्तार
दूसरी तरफ, सरकार इस सत्र में कुल 8 विधेयक पेश करने जा रही है। इनमें मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के विस्तार का विधेयक आने की भी संभावना है। गौरतलब है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन 13 अगस्त को खत्म हो रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद वहां पर लोकप्रिय सरकार का गठन नहीं हो सका है।
क्या-क्या होंगे सवाल
क्या मोदी सरकार संसद के सत्रारंभ पर ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के लिए तैयार होगी? क्या बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर पक्ष और विपक्ष में कोई संवाद हो पाएगा? क्या मणिपुर में राष्ट्रपति शासन के विस्तार को लेकर कोई विधेयक विमर्श के रास्ते से होकर आकार लेगा? एयर इंडिया का विमान कैसे दुर्घटनाग्रस्त हुआ? ऐसी दुर्घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए क्या तैयारी है? ये बड़े सवाल हैं, जिनके जवाब मौजूदा सत्र में अपेक्षित हैं।
कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ‘द लेंस’ से कहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर पर जवाब केवल कांग्रेस नहीं, पूरा देश मांग रहा है। मुझे उम्मीद है कि सरकार इससे जुड़े सवालों का जवाब देगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या विपक्ष यह सवाल उठाएगा कि कुल कितने राफेल विमान गिरे, तो उन्होंने कहा, “जरूर पूछा जाना चाहिए, जब इस पर सीडीएस भी बोल चुके हैं।”
क्या बोल रही भाजपा
उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद और पूर्व डीजीपी बृजलाल से जब ‘लेंस’ ने सवाल किया कि वे कौन-से जरूरी मुद्दे हैं, जो आप संसद में उठाना चाहेंगे, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर या मतदाता सूची के संशोधन को लेकर कोई भी बहस होगी, यह हमारा संसदीय बोर्ड तय करेगा। हमारे चाहने या न चाहने का कोई मतलब नहीं है, हम केवल एक सांसद हैं।
कौन-कौन से लाए जाएंगे विधेयक
संसद के आगामी सत्र में सरकार मणिपुर वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2025, जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025, भारतीय संस्थान प्रबंधन (संशोधन) विधेयक 2025, कराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2025, भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक 2025, खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक 2025 को लोकसभा में पेश और पारित करा सकती है। साथ ही, गोवा राज्य के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनर्समायोजन विधेयक 2024, मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025 और आयकर विधेयक 2025 को भी लोकसभा में पारित किए जाने की उम्मीद है।
पिछले सत्र में वक्फ विधेयक, इस सत्र में क्या
बता दें कि बीते अप्रैल माह में खत्म हुए संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा की उत्पादकता लगभग 18 प्रतिशत रही थी। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू के मुताबिक, राज्यसभा की उत्पादकता 119 प्रतिशत रही। पिछले सत्र में संसद के दोनों सदनों में 16 विधेयक पारित किए गए। इस सत्र के दौरान काफी हंगामा भी हुआ, लेकिन तमाम विवादों के बीच संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद, वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया गया।
कांग्रेस ऑपरेशन सिंदूर पर बहस को लेकर अड़ी
कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रमुख पवन खेड़ा कहते हैं कि तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब सरकार को संसद में देना चाहिए। विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाने की गुजारिश की थी, लेकिन सरकार नहीं मानी, जबकि इतिहास गवाह है कि ऐसे मौकों पर संसद का सत्र बुलाने की परंपरा रही है। पवन कहते हैं कि सरकार को जनता और विपक्ष को जवाब देना होगा कि ऑपरेशन सिंदूर में अचानक ब्रेक क्यों लगाना पड़ा और हमारा क्या-क्या नुकसान हुआ।