नई दिल्ली। Land for job scam: नौकरी के बदले जमीन घोटाले में राजद नेता लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। शुक्रवार को शीर्ष अदालत ने लालू के खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग ठुकरा दी। साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट को मामले की सुनवाई तेज करने का आदेश दिया है। हालांकि लालू को थोड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट दे दी।
लालू ने अपनी याचिका में 2022, 2023 और 2024 में दाखिल आरोपपत्रों और प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी। उनका कहना था कि सीबीआई ने पहले की जांच बंद कर दी थी, लेकिन 14 साल बाद 2022 में नई प्राथमिकी दर्ज की गई, जो कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है।
यह मामला जबलपुर में रेलवे की ग्रुप-डी भर्तियों से संबंधित है, जो लालू के रेल मंत्री रहते हुए हुई थीं। आरोप है कि नौकरियों के एवज में लोगों ने लालू के परिवार या सहयोगियों को जमीनें दीं। 18 मई 2022 को लालू, उनकी पत्नी, दो बेटियों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
29 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि कार्रवाई पर रोक लगाने का कोई पुख्ता आधार नहीं है। हाई कोर्ट ने लालू की सीबीआई की प्राथमिकी रद्द करने की अर्जी पर जांच एजेंसी को नोटिस भेजा था। इस मामले की अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी।
इसके अलावा, इस घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी लालू पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय ने 14 मई को दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 मई को लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। यह अनुमति सीआरपीसी की धारा 197(1) के तहत दी गई थी।