भुवनेश्वर। महिला सुरक्षा के मामले पर आज कांग्रेस सहित आठ विपक्षी दलों ने ओडिशा बंद के दौरान भुवनेश्वर में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया, जिसमें प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय कुमार लल्लू भी शामिल थे। बालासोर में एक कॉलेज छात्रा की मौत के विरोध में यह बंद बुलाया गया था। छात्रा ने पिछले हफ्ते आत्मदाह किया था और हाल ही में अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई थी। बुधवार को बीजू जनता दल ने भी ओडिशा बंद बुलाया था।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बालासोर में रेलवे पटरियों को भी जाम किया, जो राज्य सरकार के खिलाफ विरोध का हिस्सा था। भुवनेश्वर में परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं और दुकानें बंद रहीं। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री के इस्तीफे और मामले की न्यायिक जांच की मांग की। बंद के चलते बाजार, स्कूल-कॉलेज बंद रहे और सड़कों पर वाहनों का आवागमन लगभग ठप हो गया।

कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटना को भाजपा शासन की नाकामी करार देते हुए इसे एक सुनियोजित हत्या बताया। उन्होंने कहा, “ओडिशा में एक बेटी ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन उसे न्याय के बजाय धमकियां और अपमान सहना पड़ा। जिनका काम उसकी सुरक्षा करना था, उन्होंने उसे तोड़ने का काम किया। यह भाजपा के सिस्टम की विफलता है।”
राहुल गांधी ने बुधवार को छात्रा के पिता से फोन पर बात की और उन्हें न्याय के लिए हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “बालासोर की उस बहादुर बेटी के पिता से बात कर उनके दर्द और संघर्ष को महसूस किया। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि कांग्रेस और मैं उनके साथ हैं। यह घटना सिर्फ अमानवीय नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरा घाव है। हम पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।”
ओडिशा कांग्रेस प्रभारी अजय कुमार लल्लू ने राज्य सरकार पर छात्रा को न्याय से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए बल का उपयोग कर रही है, लेकिन कांग्रेस डरेगी नहीं। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार पीड़िता को न्याय नहीं देना चाहती और गुंडागर्दी पर उतर आई है… हम डरने वाले नहीं हैं और राज्य सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ओडिशा के मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना होगा।”
दरअसल, बालासोर के फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की एक छात्रा ने सोमवार को आत्मदाह कर लिया था, जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गई। आरोप है कि उसे अपने कॉलेज के विभागाध्यक्ष द्वारा लंबे समय तक यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। उसने इसकी शिकायत दर्ज कराई और प्राचार्य से मदद मांगी, लेकिन उसकी गुहार अनसुनी रही, जिसके चलते उसने यह आत्मघाती कदम उठाया।