नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए तत्काल विधायी कार्रवाई करने पर जोर दिया है।
16 जुलाई को लिखे गए एक पत्र की एक प्रति के अनुसार, पिछले पांच वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोगों की लगातार उठती रही मांगों को रेखांकित किया गया है और इस मुद्दे को संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों का मामला बताया गया है। पत्र में लिखा है, ‘आजाद भारत में यह पहली बार है कि किसी पूर्ण राज्य का दर्जा घटाकर केंद्र शासित प्रदेश कर दिया गया है।’ पत्र में इस स्थिति को अभूतपूर्व बताया गया है।

भुवनेश्वर और श्रीनगर में दिए गए सार्वजनिक बयानों सहित प्रधानमंत्री के पिछले आश्वासनों का हवाला देते हुए, विपक्षी नेताओं ने सरकार को राज्य का दर्जा बहाल करने के उसके ‘गंभीर वादे’ की याद दिलाई।प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले वर्ष कहा था, ‘हमने संसद में कहा है कि हम इस क्षेत्र का राज्य का दर्जा बहाल करेंगे।’
पत्र में अनुच्छेद 370 की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्कों का भी उल्लेख किया गया है, जहां उसने ‘शीघ्रतम’ राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रतिबद्धता जताई थी।
जम्मू-कश्मीर से संबंधित अपनी मांग के अलावा, खड़गे और गांधी ने सरकार से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत लाने के लिए कानून लाने का भी आह्वान किया। उनका तर्क था कि इससे क्षेत्र की सांस्कृतिक, विकासोन्मुखी और राजनीतिक आकांक्षाओं की पूर्ति होगी और यहां के लोगों की जमीन और पहचान की रक्षा होगी।