नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आज तीन बड़े फैसले लिए गए। ये फैसले कृषि और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के लिए 24 हजार करोड़ रुपये और रेन्वेबल एनर्जी से जुड़े दो फैसलों के लिए 27 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025-26 से अगले छह वर्षों तक 100 जिलों में लागू होगी। नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित यह योजना कृषि और संबंधित क्षेत्रों पर केंद्रित पहली विशेष योजना है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देना, फसलों में विविधता लाना, टिकाऊ खेती को प्रोत्साहन देना, पंचायत और प्रखंड स्तर पर भंडारण सुविधाओं का विस्तार, सिंचाई व्यवस्था को बेहतर करना, साथ ही अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण को अधिक सुलभ बनाना है। यह योजना 2025-26 के केंद्रीय बजट में घोषित 100 जिलों के विकास के लक्ष्य के अनुरूप है। इसे 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं, राज्यों की योजनाओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ लागू किया जाएगा।
इसके अलावा एनटीपीसी लिमिटेड को 20,000 करोड़ रुपये के निवेश की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह राशि एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) और इसकी सहायक कंपनियों के माध्यम से हरित ऊर्जा परियोजनाओं में लगाई जाएगी। इसका उद्देश्य 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना है।
इसके साथ ही, एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को 7,000 करोड़ रुपये के विशेष निवेश की अनुमति दी गई है। यह निवेश एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) के जरिए पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा परियोजनाओं में किया जाएगा, जिससे कंपनी की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिति को मजबूती मिलेगी।