लेंस डेस्क। आखिरकार 18 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन shubhanshu shukla आज धरती पर लौट आए। ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का कैप्सूल मंगलवार को दोपहर करीब 3 बजे कैलिफोर्निया के समुद्र में उतरा। शुभांशु शुक्ला का यान सोमवार शाम करीब 4.45 बजे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से अनडॉक हुआ था।

Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु और उनके तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री सहयोगी कमांडर पेगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोश उजनान्स्की-विस्निव्स्की (पोलैंड) और टिबोर कपु (हंगरी) साथ लौटे हैं। नासा के वैज्ञानिक लगातार undocking प्रक्रिया पर नजर बनाये हुए हैं। यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धियों से भरा मिशन था, क्योंकि शुभांशु 41 साल बाद ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने हैं ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की धरती पर सुरक्षित वापसी पर सोशल मीडिया पर एक संदेश साझा किया। अपने संदेश में पीएम ने लिखा, ‘मैं पूरे देश की ओर से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का हार्दिक स्वागत करता हूं, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष अभियान को पूरा कर लौटे हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) का दौरा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने साहस, समर्पण और प्रेरणादायक भावना से लाखों लोगों के सपनों को उड़ान दी है। यह उपलब्धि भारत के गगनयान मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’
500 करोड़ रुपये हुए खर्च
ग्रुप कैप्टन शुक्ला के Ax-4 मिशन और उनके प्रशिक्षण के लिए इसरो ने लगभग 500 करोड़ रुपये (लगभग 59 मिलियन डॉलर) का निवेश किया है। इसरो के अनुसार, ISS पर शुक्ला का यह अनुभव भारत के भावी मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए अहम होगा। भारत 2027 में गगनयान के माध्यम से अपना पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने की योजना बना रहा है। इसके अतिरिक्त भारत 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने और 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर काम कर रहा है। ग्रुप कैप्टन शुक्ला उन चार भारतीय वायु सेना अधिकारियों में से एक हैं, जिन्हें पिछले वर्ष गगनयान मिशन के लिए चुना गया है।