लेंस डेस्क। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन में भाग लेने चीन पहुंचे विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। यह मुलाकात इसलिए भी खास है क्योंकि यह 2019 के बाद उनकी पहली चीन यात्रा है। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया था, जिससे कूटनीतिक रिश्तों में भी तल्खी आई थी। एस. जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर चीन गए हैं।
इस मुलाकात के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट में कहा, “आज सुबह बीजिंग में अपने साथी एससीओ विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री @narendramodi का अभिवादन पहुंचाया। राष्ट्रपति शी को हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हाल ही में हुई प्रगति से अवगत कराया। इस संबंध में हमारे नेताओं के मार्गदर्शन को महत्व देता हूं।“
चीनी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने इस यात्रा को अक्टूबर 2024 में कजान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अखबार ने माना कि गलवान विवाद के बाद कूटनीतिक संवाद सीमित हो गया था और यह दौरा आपसी भरोसे को बहाल करने का संकेत देता है।
इस दौरे पर जयशंकर ने बीजिंग में भारतीय दूतावास का दौरा किया और वहां अनार का पेड़ लगाया। एससीओ बैठक के दौरान जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग और विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की। हान झेंग ने कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े विकासशील देशों का सहयोग न केवल एशिया बल्कि वैश्विक स्तर पर फायदेमंद होगा। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यदि चीन भारत की मुख्य चिंताओं का सम्मान करता है, तो दोनों देशों के लिए सहयोग के नए रास्ते खुल सकते हैं।
लंबे समय बाद दिखे शी जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग लंबे समय बाद सार्वजनिक रूप से सामने आए। कुछ समय से चीन में सत्ता परिवर्तन की अटकलों ने जोर पकड़ा था। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पॉलिट ब्यूरो की 30 जून को हुई बैठक, जिसमें नए नियमों की समीक्षा की गई, जिसने इन अटकलों को हवा दी थी।
शी जिनपिंग के मई के अंत से जून के पहले सप्ताह तक करीब 15 दिन तक सार्वजनिक मंचों से गायब रहने के बाद उनकी अनुपस्थिति की चर्चाएं शुरू हुईं। जुलाई में ब्राजील में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में उनकी गैरमौजूदगी ने इन कयासों को और बढ़ाया। कुछ खबरों में दावा किया गया कि चीनी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन में सत्ता संघर्ष चल रहा है या शी बीमार हैं या फिर नजरबंद हैं। हालांकि इन अफवाहों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी।