छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र जारी है, इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ( DEEPAK BAIZ ) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा है कि एक जग की कीमत 3,2000 रुपए है और यह जग किसी नेता, मंत्री या विधायक के लिए नहीं बल्कि आदिवासी बच्चों के हॉस्टल के लिए खरीदे जाने वाले सामानों के फंड पर खरीदा गया है। बलौदाबाजार जिले में वो भी ऑफीशियली Gem पोर्टल से यानी एक जग की कीमत है 32,000 रूपये और कुल 160 नग जग की कीमत हुई 51 लाख। इस पोस्ट के साथ ही दीपक बैज ने सोशल मीडिया में उसके स्क्रीनशॉट भी दिए हैं।
PCC चीफ ने कहा “क्या राज्य सरकार ने खरीदे हैं सोने के जग ?”
इस मामले के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के रिएक्शन भी सामने आ रहे हैं। लोग आरोप लगा रहे हैं की आदिवासी बच्चों के पैसे को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लूटा गया है। दूसरी तरफ इस मामले को उठाते हुए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा “क्या वो जग सोने का है या तांबे का है, या कोई जादू या चमत्कारिक जग है, मेरे अनुमान से एक जग 100, 200 या ₹500 तक मिल जाना चाहिए लेकिन यहां 32000 रूपये में खरीदा जा रहा है, ऐसी सरकार का भगवान ही मालिक है आप इसी से अंदाजा लगाइए कि भ्रष्टाचार कितना चरम पर है”

वही इस मामले पर जब सीएम विष्णु देव साय से पत्रकारों ने विधानसभा सत्र के दौरान सवाल किया तो उन्होंने इस सवाल पर जवाब देने से मना कर दिया और वहां से चले गए।
क्या कहता है प्रशासन ?
इधर बलौदाबाजार भाटापारा कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विभाग) से एक जांच प्रतिवेदन सामने आया है जिसमें साफतौर पर लिखा है कि यह आर्डर प्राप्त किया गया था लेकिन 23 फरवरी 2025 को Gem के माध्यम से ही निरस्त कर दिया गया था और इस प्रेस विज्ञप्ति में Gem के आर्डर निरस्तीकरण का स्क्रीनशॉट भी संलग्न किया गया है। साथ ही इस प्रतिवेदन में आदिवासी विकास बलौदा बाजार के सहायक आयुक्त, जिला कार्यालय अधिकारी और संयुक्त कलेक्टर जिला बलौदाबाजार भाटापारा के सिग्नेचर हैं। यानी प्रशासनिक तौर पर इस आरोप का खंडन किया गया है।

