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देश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अगर निमिषा की जान चली गई तो यह दुखद होगा, 16 जुलाई को यमन में दी जा सकती है फांसी  

अरुण पांडेय
अरुण पांडेय
Published: July 14, 2025 2:47 PM
Last updated: July 14, 2025 2:47 PM
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Nimisha Priya News
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द लेंस डेस्‍क। यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को हत्‍या मामले में 16 जुलाई को फांसी दिए जाने की तारीख मुकर्रर की गई है, लेकिन उसे बचाने की आखिरी कोशिश के तौर पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में यचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि इस मामले में वह ज्‍यादा कुछ नहीं कर सकती।

सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि यह एक निजी मामला है और सरकार की भूमिका सीमित है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने मामले में गोपनीय रूप से हरसंभव कोशिश की है। जज ने पूछा कि क्या सरकार यमनी परिवार से ब्लड मनी पर बातचीत कर सकती है, जिसके जवाब में केंद्र ने कहा कि यह उनके नियंत्रण में नहीं है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि रियाद स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से परिवार से बातचीत की जाए और जरूरत पड़ने पर अधिक राशि देने की पेशकश भी की। न्यायमूर्ति संदीप मेहता ने कहा कि अगर निमिषा की जान चली गई तो यह दुखद होगा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 18 जुलाई को तय की।

इससे पहले केरल के मुख्‍यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार यमन में मौत की सजा का सामना कर रही नर्स निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए सभी संभव प्रयासों का समर्थन कर रही है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “मैंने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र लिखकर निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। केरल सरकार उनकी सुरक्षित वापसी के लिए काम कर रहे सभी लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।”

नर्स निमिषा पर क्‍या हैं आरोप

निमिषा प्रिया जो केरल के पलक्कड़ की रहने वाली 38 वर्षीय नर्स हैं, उनको 2017 में यमन में अपने व्यवसायी साझेदार तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी पाया गया था। 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में यमन की अदालत ने उनकी अंतिम अपील खारिज कर दी।

निमिषा प्रिया ने 2008 में नर्स के रूप में काम करने के लिए यमन गई थीं। वहां उन्होंने एक क्लिनिक शुरू किया, लेकिन यमनी कानून के अनुसार, विदेशियों को स्थानीय व्यक्ति के साथ साझेदारी करनी होती है। इसीलिए निमिषा ने तलाल अब्दो मेहदी नामक यमनी नागरिक को अपना साझेदार चुना। आरोप है कि मेहदी ने निमिषा के साथ धोखा किया, उनके पैसे हड़प लिए और शादी का झूठा दावा करके उन्हें परेशान किया। निमिषा के परिवार का कहना है कि मेहदी ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। 2017 में निमिषा ने अपना पासपोर्ट वापस लेने के लिए मेहदी को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन दवा की अधिक मात्रा के कारण मेहदी की मृत्यु हो गई। घबराहट में निमिषा और उनकी एक सहयोगी नर्स ने शव को टुकड़ों में काटकर पानी की टंकी में फेंक दिया।

खबरों के मुताबिक, निमिषा के परिवार और समर्थकों ने 10 लाख डॉलर की पेशकश की है, लेकिन माफी के लिए मृतक के परिजनों की सहमति जरूरी है। निमिषा 2008 में नर्स के रूप में यमन गई थीं और बाद में महदी के साथ मिलकर क्लीनिक शुरू किया। 2017 में महदी की मौत के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। वह वर्तमान में सना की सेंट्रल जेल में बंद हैं। निमिषा को बचाने के लिए काम कर रहे एक संगठन का कहना है कि 16 जुलाई को उनकी फांसी हो सकती है। एकमात्र उम्मीद यह है कि महदी का परिवार ब्लड मनी स्वीकार कर निमिषा को माफ कर दे।

TAGGED:Keralasupreme courtTop_NewsYemen
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