नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के मानसून सत्र से पहले चार सदस्यों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। गृह मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में 12 जुलाई को राजपत्र अधिसूचना में प्रकाशित किया है। जिन चार सदस्यों का मनोनयन किया गया है, उसमें इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला, शिक्षाविद सदानंदन मास्टर और मशहूर वकील उज्ज्वल निकम का नाम है।
इन चार मनोनीत सदस्यों में सबसे ज्यादा चर्चा उज्ज्वल निकम की है। उज्ज्वल निकम भाजपा की टिकट से 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 26/11 के आतंकी अजमल कसाब को फांसी दिलाने में उनकी अहम भूमिका थी। वह 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले के मामले में विशेष सरकारी वकील थे, जिन्होंने ‘कसाब के लिए बिरयानी’ का दावा किया था। इस दावे की वजह से तात्कालीन सरकार पर जमकर आरोप लगे थे। कुछ वर्षों बाद निकम ने खुद स्वीकार किया था कि आतंकवादी कसाब को कोई बिरयानी नहीं परोसी गई थी और यह एक मनगढ़ंत कहानी थी।
डॉ. मीनाक्षी जैन दिल्ली यूनिवर्सिटी में इतिहास की प्रोफेसर रहीं हैं। उन्होंने मध्यकालीन और औपनिवेशिक भारत पर शोध किया है। इसके साथ ही भारत का धार्मिक सांस्कृतिक विकास भी उनका विषय रहा है। ‘राम और अयोध्या’ व ‘द बैटल फॉर राम’ उनकी चर्चित शोध ग्रंथ है।
हर्षवर्धन श्रंगला भारत के पूर्व विदेश सचिव रहे हैं। श्री श्रंगला भारतीय विदेश सेवा के पूर्व भारतीय राजनयिक हैं। 2023 में भारत की जी 20 अध्यक्षता में मुख्य समन्वयक थे। इससे पहले वे भारत के विदेश सचिव, अमेरिका में भारत के राजदूत, बांग्लादेश में उच्चायुक्त और थाईलैंड में भारत के राजदूत के तौर पर कार्य किया है। जनवरी 2025 से विकासशील भारत के विशिष्ट फेलो हैं। विदेश सचिव के तौर पर रिटायर होने से पहले श्रृंगला 1984 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए और 38 वर्षों तक इस सेवा में रहे। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय और विदेशों में भारतीय राजनयिक मिशनों में विभिन्न पदों पर कार्य किया। वे फ्रांस, न्यूयॉर्क सिटी में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के तौर पर काम किया है। इसके अलावा इजरायल और दक्षिण अफ्रीका में महावाणिल्य दूतावास में भी तैनात रहे हैं।
शिक्षाविद सी सदानंदन मास्टर पूर्व शिक्षक रहें हैं। वे केरल में भाजपा के सदस्य हैं। और 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें उम्मीदवार भी बनाया था। 1994 मकें केरल में एक राजनीतिक हिंसा के दौरान उनके गांव पेरिंचरी के पास वामपंथी पार्टी के कार्यकताओं ने उनके दोनों पैर काट दिए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल में कई मंचों से उनकी प्रशंसा कर चुके हैं।