दिल्ली। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) एक बार फिर चर्चा में हैं। झारखंड के जिस पुल को उन्होंने राज्य सरकार का समझकर विपक्ष पर लानत भेजी वो केंद्रीय सड़क मंत्रालय का बना निकला। अब सोशल मीडिया पर इसको लेकर जोरदार बहस शुरू हो गई है।
अमित मालवीय के खिलाफ ताजा मामला झारखंड की घटना को लेकर हैं जहां एक पुल टूट गया। बिजनेस टुडे ने एक वीडियो लगाया था, जिस पर बच्चे सीढ़ी से पुल पर चढ़ रहे थे।
अमित मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘एक पुल टूटा पड़ा है। बच्चे बांस की सीढ़ी के सहारे जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं। लोग परेशान हैं, उम्मीद है कि कोई आहत न हुआ हो। यह झारखंड की घटना है, जहां इंडी गठबंधन की सरकार है। क्योंकि, इसके लिए न मोदी सरकार को दोष दिया जा सकता है, न भाजपा को… इसलिए इस पर ग्लोबल टूलकिट चुप है। न कोई ट्वीट, न कोई कॉलम, न कोई नैरेटिव। आखिर ‘सेक्युलर नाकामी’ पर कौन सवाल उठाए?
कार्तिक चौधरी नाम के हैंडल ने अमित मालवीय के झूठ फैलाने की मंशा की रही सही कोशिश भी नाकाम कर दी। उसने इंडियन एक्सप्रेस की खबर पोस्ट कर दी, जिसमें बताया गया है कि ये नेशनल हाइवे का पुल है यकीनन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और केंद्र सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं झारखंड सरकार नहीं।

अमित मालवीय की पोस्ट पर एक यूजर ने ग्रोक से पुल के बारे में सवाल पूछा तो grok ने लिखा 19 जून की घटना है। अब अल्टरनेटिव रूट बन गया है। बांस की सीढ़ी हटा दी गई है। रिपेयर work चल रहा है। दो-तीन दिन में डबल लेन रेडी हो गया। ग्रोक ने अमित मालवीय के ‘ग्लोबल टूलकिट चुप’ वाले आरोप को झूठा बता दिया। ग्रोक ने लिखा मीडिया में कवरेज है। कहीं साइलेंस नहीं है। ग्रोक ने अमित मालवीय को फैक्ट चेक करने की सलाह दे दी।