रायपुर। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और महिलाओं के लिए भेजे गए सामान की खराब गुणवत्ता को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है। विभाग ने राज्य स्तरीय जांच सामिति की रिपोर्ट के आधार पर 6 एजेंसियों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। जिस समिति की सिफारिश पर यह कार्रवाई की गई है, उसने कई जिलों में जाकर सामान की जांच की थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट विभाग को दी, जिसके बाद विभागीय मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने एजेंसियों को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश दिए।
दरअसल, विभाग की तरफ से जो राज्य स्तरीय जांच समिति बनाई गई, उसमें अलग-अलग विभागों के अफसर और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल थे। जांच में दोषी पाई गई सभी 6 एजेंसियां अब सरकारी सप्लाई का कोई काम नहीं कर सकेंगी।
जिन 6 एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उसमें नमो इंटरप्राइजेस, आयुष मेटल, अर्बन सप्लायर्स, मनीधारी सेल्स, ओरिएंटल सेल्स और सोनचिरैया कॉर्पोरेशन शामिल हैं। इन एजेंसियों ने अलग-अलग सामानों की सप्लाई की है।
समिति की रिपोर्ट के अनुसार 6 जिलाें के आंगनबाड़ियों में टेबल, अनाज रखने की कोठी, स्टील ट्रे, तवा, आलमारी, कूकर, चम्मच और गिलास मानकों के तहत नहीं पाए गए। ये सामान इन 6 एजेंसियों ने सप्लाई किए थे। विभाग ने इन एजेंसियों की तरफ से सप्लाई किए गए सामग्री को वापस मंगवाकर नए मानक के अनुसार सही सामान भिजवाया।
10 एजेंसियों की चर्चा, लेकिन 4 को क्यों बख्शा?
इस मामले में जानकारी मिली है कि समिति ने खराब सामग्री सप्लाई की जो रिपोर्ट बनाई है, उसमें 10 एजेंसियों के नाम हैं, लेकिन सिर्फ 6 एजेंसियों पर कार्रवाई की। बाकी 4 एजेंसियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि विभागीय सूत्रों का कहना है कि बाकी की 4 एजेंसियों के साथ ही एक और नई लिस्ट बनने वाली है, जिसमें कई अन्य एजेंसियों के नाम भी होंगे। विभाग की तरफ से कहा गया है कि किसी भी खराब सामग्री की सप्लाई के लिए एजेंसियों को भुगतान नहीं किया गया है। गुणवत्ता जांच के बाद ही भुगतान का सिस्टम बनाया गया है।
मई में मंत्री ने बनवाई थी जांच समिति
कई जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंची सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठने के बाद मई में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने 6 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में भेजे गए सामानों की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद ही जांच टीम का गठन कर दिया गया था। इस समिति में विभाग के संयुक्त संचालक (वित्त), प्रबंध संचालक CSIDC, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर के नामित तकनीकी विशेषज्ञ, संबंधित जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक और दो निजी तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञ थे। जांच टीम को रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, जशपुर और सरगुजा जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में जांच करने का जिम्मा था।
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