[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
छत्तीसगढ़ के बंधुआ मजदूर कांड में अब तक FIR नहीं, आखिर संचालक पर किसकी मेहरबानी?
इस तंत्र का गणतंत्र होना क्यों बाकी है?
बस्तर : 22 माओवादियों ने किया सरेंडर, इनमें कोई भी हथियारबंद नक्सली नहीं
छत्तीसगढ़ में फिर पत्रकार पर हमला, राजधानी में खबर बनाने गए पत्रकारों को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पीटा, कैमरा भी तोड़ा
ब्रिज का गुजरात मॉडल : अहमदाबाद का ये पुल 5 साल में ही जर्जर, लागत 42 करोड़, गिराने पर खर्च 3.9 करोड़
छत्तीसगढ़ में नई और दूसरे राज्य की गाड़ियों में ले सकेंगे अपनी पुरानी गाड़ी का नंबर
कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट तैयार
2031 तक 50 लाख की आबादी की होगी एक अथॉरिटी, प्लानिंग भी उसी तरीके से, इसके लिए CCRDA बनाया
75 के खेल में भागवत ने मोदी शाह को उलझाया, पीएम गृहमंत्री के रिटायरमेंट की चर्चा जोरों पर
युक्तियुक्तकरण के खिलाफ आप का धरना, ‘मधुशाला नहीं पाठशाला’ के लगे नारे
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.

Home » छत्तीसगढ़ के बंधुआ मजदूर कांड में अब तक FIR नहीं, आखिर संचालक पर किसकी मेहरबानी?

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के बंधुआ मजदूर कांड में अब तक FIR नहीं, आखिर संचालक पर किसकी मेहरबानी?

Nitin Mishra
Last updated: July 12, 2025 2:07 am
Nitin Mishra
Share
SHARE

SSP से महीने भर पहले भी हुई थी शिकायत, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, thelens.in से श्रम मंत्री देवांगन ने कहा – नियमानुसार होगी कार्रवाई

खबर में खास
क्या था महीने भर पहले SSP से हुई शिकायत में?कलेक्टर ने कहा – विभाग से जानकारी लीजिए, SSP बोले – शिकायत ही नहींविभागों ने क्या रिपोर्ट बनाई है?मालिक पर किसकी मेहरबानी?

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे खरोरा की मोजो मशरूम फॉर्म के बंधुआ मजदूरी कांड में अब तक FIR दर्ज नहीं की गई है। आखिर मशरूम फैक्ट्री के संचालक पर किसकी मेहरबानी है? गुरुवार को श्रम विभाग और महिला बाल विकास विभाग ने मशरूम फैक्ट्री में छापा मारकर 97 मजदूरों और 40 बच्चों का रेस्क्यू किया था। इस मामले की शिकायत करीब महीने भर पहले भी रायपुर एसएसपी से की गई थी, लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। Bandhak Majdoor

गुरुवार को मजदूरों ने संचालक पर आरोप लगाया था कि उन्हें पैसे नहीं दिए जाते और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। मजदूरों ने मारपीट करने और 18– 18 घंटे तक काम कराने का आरोप भी लगाया है। मजदूरों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया गया। इसके घाव मजदूरों के शरीर के अंगों में दिखाई पड़ते हैं।

फैक्ट्री मालिकों की तरफ से किए गए अमानवीय व्यवहार पर श्रम विभाग या महिला बाल विकास विभाग ने इस मामले में अब तक थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जबकि, घटना को 30 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है। विभाग अपनी रिपोर्ट बनाने में व्यस्त है। अब तक श्रम विभाग ने कार्रवाई को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी भी साझा नहीं की है। विभाग ने गुरुवार को जानकारी दी थी कि जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और और मजदूरों को घर भेजा जाएगा।

thelens.in ने इस मामले में राज्य के श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कल रात को ही इस बारे में जानकारी मिली थी। मैंने हर पल की रिपोर्ट ली है। विभाग की ओर से जैसे ही प्रतिवेदन आएगा, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। मजदूरों के बयान लिए गए हैं और उन्हें वापस उनके मूल निवास भेजा जा रहा है। आगे जो भी होगा, नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

क्या था महीने भर पहले SSP से हुई शिकायत में?

करीब महीने भर पहले फॉर्म में काम करने वाले जौनपुर के रवि नाम के व्यक्ति ने रायपुर एसएसपी से एक शिकायत की थी। इस शिकायत में बताया गया था कि वह करीब 1 माह से उस फैक्ट्री में काम कर रहा है। जौनपुर के रहने वाले विपिन तिवारी, विकास तिवारी और नितेश तिवारी  खरोरा में मशरूम फॉर्म का संचालन करते हैं। गोलू, उसकी बहन समेत 8 लोगों को यह बोलकर लाया गया था कि कम मेहनत का काम करना है।  सिर्फ खाना बनाना है, घरेलू काम करना है। जब ये मजदूर फार्म पहुंचे तो उनसे किसी भी समय मशरूम लगाने, काटने, सामान उठवाने, मशीन चलवाने जैसे कठिन काम करवाए गए।

शिकायत में आगे है कि रात को नहीं उठने पर मारपीट करते थे। सभी लोगों का मोबाइल, पहचान पत्र भी छीन लिया था। काम के बाद पैसे की मांग की जाती थी तो मारपीट करने लगते थे। 2 जुलाई को किसी तरह बचकर भागे और पुलिस के पास पहुंचे। रवि ने बताया, उसकी बहन लक्ष्मीना, रिनका, सीमा, बबलू, सुनील और दो अबोध बच्चों समेत अन्य कई लोगों को वहां बंधक बनाकर रखा गया है।

कलेक्टर ने कहा – विभाग से जानकारी लीजिए, SSP बोले – शिकायत ही नहीं

thelens.in ने इस मामले में रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कल कल मजदूरों का रेस्क्यू किया गया था। इंडोर स्टेडियम में सबको रखा गया था। उसमें कुछ छुपाया नहीं जा रहा है। नियम अनुसार कार्रवाई की जा रही है। सब एक दिन में नहीं हो सकता है। जो भी वैधानिक करवाई होगी वो की जाएगी। सभी बात बताने के लिए मैं नहीं हूं, विभाग से जानकारी ले लीजिए।

बंधुआ मजदूरी मामले को लेकर रायपुर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा कि श्रम विभाग और महिला बाल विकास विभाग ने कल 97 मजदूरों का रेस्क्यू किया है। सब को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में रखा गया था। अभी तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। जैसे ही शिकायत प्राप्त होगी, तब आगे की कार्रवाई की जाएगी।

विभागों ने क्या रिपोर्ट बनाई है?

सूत्रों के अनुसार श्रम विभाग और महिला बाल विकास विभाग ने मजदूरों का बयान लिया है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है। लेकिन, मजदूरों को मीडिया में दिए गए बयान और अधिकारियों को दिए गए बयान में जमीन– आसमान का अंतर है। अधिकारियों को दिए गए बयान में यह दर्ज किया गया है कि मजदूरों को पैसे नहीं मिल रहे थे और वे अपने घर जाना चाहते थे। जबकि मीडिया को दिए गए बयान में मजदूर यह कह रहें हैं कि उन्हें पैसे नहीं दिए जाते थे और मारपीट की जाती थी। उन्हें बंद कमरों में रखकर प्रताड़ित किया जाता था। अधिकारियों को दिए गए बयान की जो रिपोर्ट तैयार हुई है, उसमें मजदूरों को प्रताड़ित करने वाली बात गायब है।

इस मामले thelens.in ने हाइकोर्ट के अधिवक्ता डीके ग्वालरे से बातचीत की। वे कहतें हैं कि यह नियमों का उल्लंघन है। यह मामला बंधुआ मजदूर प्रतिषेध अधिनियम का है। इस नियम का अगर उल्लंघन होता है तो FIR कराई जानी चाहिए। हालांकि, FIR कराने की कोई समय सीमा तय नहीं है। लेकिन, मामला बड़ा है तो FIR करानी चाहिए।

मालिक पर किसकी मेहरबानी?

घटना को हुए करीब डेढ़ दिन से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी FIR दर्ज नहीं की गई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर किसके संरक्षण की वजह से FIR दर्ज नहीं कराई गई है। सूत्रों के अनुसार सत्ताधारी पक्ष के किसी बड़े नेता और प्रशासन के बड़े अधिकारियों का संरक्षण मशरूम फॉर्म के संचालक को प्राप्त है।

आखिर मालिक के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है, विभाग किस बात का इंतजार कर रहा है? जबकि पूरी घटना के गवाह खुद कई अधिकारी और कर्मचारी हैं।

देखना है कि क्या प्रशासन इस मामले में संवेदनशील है? आने वाले दिनों में FIR होती है या नहीं होती है या इस मामले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

इसे भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में मजदूरों को बनाया बंधक, 5 महीने तक पैसे के बदले दी यातनाएं, मामला दबाने में जुटा प्रशासन

TAGGED:Bandhak MajdoorChhattisgarhFollow upLatest_NewsRaipur
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article Raipur Mushroom Factory इस तंत्र का गणतंत्र होना क्यों बाकी है?

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष कब तक ?

सहमतियों-असहमतियों और इस्तीफों के बीच भाजपा तेजी से प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव कर रही है।…

By Editorial Board

भिलाई स्टील प्लांट में लगी आग, राहत बचाव में जुटा दमकल

दुर्ग। भिलाई के स्टील प्लांट में भीषण आग लग गई है। आग से चारों तरफ…

By Amandeep Singh

CUET UG की प्रोविजनल आंसर-की जारी, इस तरह करें डाउनलोड, जानिए कब जारी होगा रिजल्ट

लेंस डेस्क। NTA याने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 17 जून को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट…

By Lens News

You Might Also Like

PAHALGAM ATTACK
देश

अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों को कहा – ‘पाकिस्तानियों को घर भेजें’, पीड़ितों से की मुलाकात के राहुल गांधी ने कहा – ‘आतंकी कुछ भी कर लें, हम उन्‍हें हरा देंगे’

By Lens News Network
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में नक्सलियों के साथ मुठभेड़, दो महिला माओवादी ढेर, हथियार बरामद

By Lens News
Bomb in High Court
छत्तीसगढ़

राज्य सूचना आयुक्त की चयन प्रक्रिया पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की रोक

By Danish Anwar
Sharab Mahotsav
आंदोलन की खबर

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का अनोखा प्रदर्शन, शराब दुकान खोलने के विरोध में मनाया साय सरकार का शराब महोत्सव

By Nitin Mishra
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?