नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
ओडिशा के वरिष्ठ आदिवासी नेता और केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम ने शनिवार को कहा कि वह युवा पीढ़ी के लिए रास्ता बनाने के लिए चुनाव लड़ने से कुछ समय के लिए ब्रेक लेना चाहते हैं। गौरतलब है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नेताओं के लिए 75 साल की आयु सीमा की बात कही थी। नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद के सदस्य ओराम ने संबलपुर में ‘नियुक्ति मेला’ समारोह में भाग लेते हुए अपने संन्यास की घोषणा की।
मंत्री ने कहा कि वह भविष्य में सांसद या विधायक पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगे। बैठक के बाद ओराम ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने पिछले चुनावों के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि मैं दोबारा लोकसभा या विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ूंगा। अब समय आ गया है कि युवा पीढ़ी के लिए सीट खाली की जाए। मैं पहले ही 10 बार सीधे चुनाव लड़ चुका हूं।”
छह बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके ओराम ने हालांकि कहा कि वह पार्टी की सेवा करेंगे और राज्यसभा सांसद या किसी राज्य का राज्यपाल बनने में संकोच नहीं करेंगे, लेकिन सीधे चुनाव में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं भाजपा का काम करूंगा और पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे निभाऊंगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी के कहने पर वह चुनाव लड़ेंगे, ओराम ने कहा, “मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। मुझे पार्टी के निर्देशों का पालन करना होगा।” ओराम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में रह चुके हैं। वह वाजपेयी द्वारा बनाए गए जनजातीय मामलों के मंत्रालय के पहले मंत्री थे।