नई दिल्ली। जब आप भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी की शाल ओढ़े तस्वीर को अपनी स्मृति में लाने की कोशिश करेंगे तो आपको राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र की तस्वीर नजर आएगी। कुछ दिनों पहले भाजपा के वरिष्ठ मार्गदर्शक आडवाणी जी को उन्होंने शाल पहनाई थी, वरिष्ठ भाजपा नेता विनय कटियार मंदिर आंदोलन के बाद से ही कई तस्वीरों में शाल ओढ़े दिखाई दिए। देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री और मंदिर आंदोलन के शीर्ष नेता मुरली मनोहर जोशी हमेशा से कंधे पर शाल रखते थे। इनमें से कुछ 75 के पहले कुछ 75 के बाद भाजपा के राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गए।
अब सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि 75 साल की उम्र पूरी होने के बाद लोगों को दूसरों को भी काम करने का मौका देना चाहिए। नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि 75 साल पूरा होने पर किसी भी नेता को जब शॉल ओढ़ाई जाती है तो इसका एक मतलब है। ये मतलब यह है कि उनकी उम्र हो चुकी है। आप को बाकियों को मौका देना चाहिए। सियासी हलकों में माना जा रहा है कि मोहन भागवत ने यह बयान पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को लेकर दिया है। निस्संदेह इस बयान के बाद खुद मोहन भागवत के रिटायरमेंट की चर्चा शुरू हो गई है। गजब यह है कि दो दिनों पहले ही अमित शाह ने अपनी सेवानिवृति की योजना बताई थी।
विपक्ष का ताबड़तोड़ हमला
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत मोहन भागत के बयान पर सबसे पहले अपनी राय देने वालों में से थे। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, राउत ने कहा, ‘मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी, जसवंत सिंह और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को 75 साल की उम्र के बाद सेवानिवृत्ति के लिए मजबूर किया। देखते हैं कि क्या वह खुद को भी उसी मानक पर कायम रख पाते हैं।’
कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने भी इसी भावना को दोहराया और कहा, “जिस चीज पर आप अमल नहीं करते, उसका उपदेश देना खतरनाक है। राजनीतिक विश्लेषक अमित कुमार लेंस से कहते हैं कि यह आरएसएस और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच छिड़ी जंग है जिसमें सबसे बड़ा मोहरा जेपी नड्डा हैं। संघ चाहता है कि वह अपना अध्यक्ष बनाए लेकिन शाह और मोदी जानते हैं कि अगर संघ के पसंद का अध्यक्ष बना तो नियम कायदों की आड़ में उनकी कुर्सी पर भी संकट आएगा।
अमित शाह ने पहले क्या कहा था?, भागवत भी हो रहे 75 के
भाजपा के मार्गदर्शक मंडल का गठन 75 साल के शासन के आधार पर दिग्गजों को सेवानिवृत्त करने के लिए किया गया था, फिर भी वर्तमान नेतृत्व अपने लिए अपवाद बना रहा है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मई 2023 में ही ऐसी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा था कि भाजपा के संविधान में ऐसी कोई आयु-संबंधी सेवानिवृत्ति नीति शामिल नहीं है। शाह ने कहा था, ‘मोदी जी 2029 तक सत्ता में बने रहेंगे। INDIA गठबंधन निराधार अफवाहों से नहीं जीत सकता।’
भागवत इस वर्ष 11 सितम्बर को 75 वर्ष के हो जायेंगे, जो प्रधानमंत्री मोदी के 75 वर्ष पूरे होने से मात्र छह दिन पहले होगा, जिनके बारे में विपक्ष यह अनुमान लगा रहा है कि वे 75 वर्ष के होने के बाद सेवानिवृत्त हो जायेंगे। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) (शिवसेना (यूबीटी)) नेता संजय राउत ने गुरुवार (10 जुलाई) को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 75 साल की उम्र में संन्यास लेने का संदेश दे रहा है।
जयराम रमेश ने कहा एक तीर दो निशाने
कांग्रेस के संचार मामलों के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘बेचारे पुरस्कार-लोलुप प्रधानमंत्री! यह कैसी घर वापसी है – लौटने पर उन्हें सरसंघचालक ने याद दिलाया कि 17 सितंबर 2025 को वे 75 वर्ष के हो जाएंगे।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘लेकिन प्रधानमंत्री सरसंघचालक से यह भी कह सकते हैं कि – वह भी 11 सितंबर 2025 को 75 वर्ष के हो जाएंगे!”उन्होंने कहा, “एक तीर, दो निशाने!’
नड्डा ने कहा था कि भाजपा खुद सक्षम
आरएसएस और मोदी सरकार के बीच तनाव के हालात हैं, कम से कम 2024 के आम चुनावों से पहले दिए गए साक्षात्कार में तो यही बात सामने आई है, जिसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था, ‘पार्टी को वास्तव में आरएसएस की जरूरत नहीं है। हम बड़े हो गए हैं, अब अधिक सक्षम हैं…भाजपा खुद चलती है।’ पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इस पर तनावपूर्ण संबंधों और भाजपा की राज्य इकाईयों में चल रही अंदरूनी कलह के कारण नड्डा को अपना कार्यकाल समाप्त होने के डेढ़ साल बाद भी पार्टी प्रमुख के पद पर बने रहने के लिए बाध्य होना पड़ा।
मोदी ने भारत को बताया था युवाओं का देश
इस साल अप्रैल में, जब मोदी 11 साल पहले प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार आरएसएस मुख्यालय गए थे, तब राउत ने कहा था कि मोदी सितंबर में प्रधानमंत्री पद छोड़ देंगे और उनका उत्तराधिकारी महाराष्ट्र से होगा। उन्होंने कहा था कि आरएसएस ने प्रधानमंत्री को उनके उत्तराधिकारी के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाया है।
भारत में पिछली जनगणना 2011 में हुई थी, लेकिन इस साल फरवरी में मोदी सरकार द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में भारत को युवाओं का देश बताया गया था। इसमें लिखा था, ‘भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है, और लगभग 65 फीसदी लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं।’
अमित शाह ने हाल में बताई थी सेवानिवृत्ति की योजना
भाजपा बार-बार यह कहने की कोशिश कर रही है कि मोदी की कोई सेवानिवृत्ति योजना नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जिन्हें कैबिनेट में मोदी के सबसे करीबी सहयोगी माना जाता है, ने मई 2023 में ही कहा था कि, ‘मोदी जी 2029 तक नेतृत्व करते रहेंगे। सेवानिवृत्ति की अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है।’
संयोगवश, जिस दिन भागवत ने यह टिप्पणी की, उसी दिन अमित शाह, जो इस वर्ष अप्रैल में 60 वर्ष के हो गए हैं, ने कहा कि वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की सूची में हैं।शाह ने राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश से आई महिलाओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा में कहा, ‘मैं अपना समय वेदों, उपनिषदों और जैविक खेती को समर्पित करना चाहूंगा।’