रायपुर। छत्तीसगढ़ में गाड़ियों के मनपसंद नंबर चाहने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे पुरानी गाड़ियों के फैंसी, चॉइस और सामान्य नंबर नई और दूसरे राज्य से खरीदी जाने वाली गाड़ियों में इस्तेमाल की जा सकेगी। कैबिनेट की बैठक में इस संशोधन को मंजूरी मिली है। कैबिनेट में परिवहन विभाग से जुड़े दो संशोधन किए गए हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम 1991 में भी संशोधन किए गए हैं।
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम-1994 के नियम, 55 में संशोधन किया गया। इसके बाद वाहन मालिक अब अपनी पुरानी गाड़ियों के नंबर नई और दूसरे राज्य से खरीदी जाने वाली गाड़ियों के लिए परिवहन विभाग से दोबारा ले सकेंगे। इसके लिए वाहन मालिकों को रजिस्ट्रेशन के लिए कुछ फीस देनी होगी। छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया है।

कैबिनेट के फैसले के अनुसार फैंसी और चॉइस नंबर वाली पुरानी गाड़ियों को नए या किसी अन्य राज्य से लाए गए उसी श्रेणी के वाहन में उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करना होगा। यदि पुराना नंबर सामान्य नंबर था तो छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम 1994 के नियम 55(2)(ग) के अनुसार आवश्यक शुल्क भरने के बाद उन सामान्य नंबरों का भी इस्तेमाल हो सकेगा।
परिवहन विभाग ने जो यह नई व्यवस्था शुरू की है, उसके लिए सबसे अहम ये है कि फैंसी, चॉइस या सामान्य नंबरों वाली पुरानी गाड़ियों को या तो स्क्रैप में देना होगा या फिर उन्हें दूसरे राज्यों में भेजना होगा। छत्तीसगढ़ में उन गाड़ियों को रखकर नई गाड़ियों में उनके नंबर नहीं लिए जा सकेंगे। इसके लिए जरूरी ये है कि पुरानी कार को आपको छत्तीसगढ़ में चलन से बाहर करना होगा।
यह सुविधा केवल नए वाहन के पंजीयन या अन्य राज्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आए वाहनों पर लागू होगी। पहले से राज्य में रजिस्टर्ड गाड़ियों के लिए यह व्यवस्था नहीं होगी। सरकारी गाड़ियों के लिए भी यह सुविधा रहेगी। हालांकि उन्हें इसके लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा।
इसके अलावा कैबिनेट ने पुराने वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम और वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम-1991 में संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है।