द लेंस डेस्क। पीएम नरेंद्र मोदी और RSS से जुड़े कथित विवादित कार्टून मामले में कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। इस याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई होगी। इससे पहले मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को ठुकरा दिया था।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की बेंच ने हेमंत मालवीय की याचिका पर सुनवाई की तारीख तय की। उनकी वकील वृंदा ग्रोवर ने बताया कि यह मामला 2021 में कोविड काल के दौरान बनाए गए एक कार्टून से जुड़ा है।
इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने हाल ही में आरएसएस और पीएम मोदी पर आधारित विवादित कार्टून बनाए थे। आरएसएस के स्वयंसेवक और वकील विनय जोशी ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। शिकायत में कहा गया कि उन्होंने फेसबुक पर मालवीय की प्रोफाइल देखी, जहां यह कार्टून पोस्ट किया गया था। जोशी ने आरोप लगाया कि यह सामग्री आरएसएस और हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से शेयर की गई थी। साथ ही पीएम मोदी और भगवान शिव पर की गई टिप्पणियों को सामाजिक तनाव बढ़ाने वाला बताया था।
कार्टून में क्या था
कार्टून में आरएसएस को उसकी पारंपरिक वेशभूषा में मानव रूप में दिखाया गया था, जो पीएम मोदी के सामने झुका हुआ है। कार्टून में मोदी को स्टेथोस्कोप और इंजेक्शन के साथ दिखाया गया, जो वे आरएसएस के पीछे इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अलावा, भगवान शिव पर आपत्तिजनक टिप्पणी जोड़कर पोस्ट को और विवादास्पद बनाया गया था।
शिकायत के बाद मालवीय ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। उनकी ओर से दलील दी गई कि यह कार्टून केवल हास्य और व्यंग्य के लिए उनके फेसबुक पेज पर साझा किया गया था। मंगलवार को जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की एकल बेंच ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि यह मामला “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” की सीमाओं को पार करता है और आरोपी से पुलिस हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।