लेंस खेल डेस्क। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर आज 76 साल के हो गए हैं। सुनील गावस्कर को भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के महान बल्लेबाजों में गिना जाता है। सुनील गावस्कर का जन्म 10 जुलाई 1949 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1976 से 1985 तक सभी फॉर्मेट्स में भारतीय टीम की कप्तानी की थी। गावस्कर केवल खेलने में ही नहीं लिखने में भी माहिर थे और उन्होंने चार किताबें लिखीं – ‘सनी डेज’ (आत्मकथा), ‘आइडल्स’, ‘रन्स एन रुइन्स’, और ‘वन डे वंडर्स’। एक्टिंग में भी गावस्कर ने हाथ आजमाया और मराठी फिल्म ‘सावली प्रेमाची’ में मुख्य भूमिका निभाई. वहीं 1988 में हिंदी फिल्म ‘मालामाल’ में गेस्ट अपीयरेंस में नजर आए। Suneel Gavaskar
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का जन्म 10 जुलाई 1949 को मुंबई के एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। गावस्कर ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि जिस अस्पताल में उनका जन्म हुआ था, वहां गलती से एक मछुआरा उन्हें अपना बच्चा समझकर ले गया था। लेकिन, जैसे ही उनके मामा ने दूसरे बच्चे को देखा, वो समझ गए कि वो सुनील नहीं हैं और फिर मामला सुलझ पाया। गावस्कर के पिता का नाम मनोहर गावस्कर था, जो एक क्लब क्रिकेटर थे। इसलिए उनका पूरा नाम सुनील मनोहर गावस्कर लिखा जाता है। सुनील गावस्कर के मामा, माधव मांत्री, पूर्व भारतीय टेस्ट विकेटकीपर थे, जिन्होंने भारत के लिए 4 टेस्ट मैच खेले थे।
सुनील कभी क्रिकेटर नहीं बनना चाहते थे। उनकी दिलचस्पी कुश्ती में थी और वो बड़े होकर एक पहलवान बनना चाहते थे। वे रेसलर मरुति वडार के फैन थे। लेकिन गावस्कर मामा माधव मांत्री की भारतीय टीम की जर्सी से वो काफी प्रेरित हुए और फिर क्रिकेट ही उनका जीवन बन गया। उन्होंने क्रिकेट परंपराओं के सालों से मशहूर मुंबई के सेंट जेवियर्स हाई स्कूल में पढ़ाई की थी।
सुनील गावस्कर को 6 मार्च 1971 को टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका मिला और वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में टेस्ट डेब्यू किया। इस सीरीज में गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 774 रन बनाए, जो डेब्यू सीरीज में सबसे ज्यादा रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड है और आज भी कायम है। उनके ये 774 रन एक टेस्ट सीरीज में भारत के किसी भी बल्लेबाज की ओर से बनाए गए सबसे ज्यादा रन भी हैं।उनके इस प्रदर्शन की मदद से ही भारत ने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीती थी।
सुनील गावस्कर दाएं हाथ के बल्लेबाज गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज थे। उन्होंने 1987 में ये रिकॉर्ड बनाया था। उनके नाम कुल 10,122 रन थे। गावस्कर ने अपने टेस्ट करियर में कुल 125 टेस्ट मैच खेले. वो 100 टेस्ट मैच खेलने वाले भारत के पहले क्रिकेटर थे।
सुनील के नाम सबसे ज्यादा 34 टेस्ट शतक भी थे, जिस रिकॉर्ड को करीब 18 साल बाद सचिन तेंदुलकर ने 2005 में तोड़ा। गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 13 टेस्ट शतक बनाए, जो किसी भारतीय बल्लेबाज का एक टीम के खिलाफ सबसे ज्यादा शतक है।गावस्कर ने 1983 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ 236 (नाबाद) रन बनाए, जो उनका सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1977-78 में गावस्कर ने लगातार तीन टेस्ट शतक बनाए थे।
गावस्कर ने 1979 में इंग्लैंड के खिलाफ लंदन के ओवल मैदान में 221 रन बनाए थे और वहां ऐसा कमाल करने वाले पहले भारतीय थे। अहमदाबाद के सरदार पटेल मोटेरा स्टेडियम में 1987 में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 10,000 टेस्ट रन पूरे किए थे। 1971 की अपनी डेब्यू सीरीज में ही गावस्कर ने पोर्ट ऑफ स्पेन में 220 रन की पारी खेली थी, जो आज भी वहां किसी भारतीय का सर्वोच्च स्कोर है।गावस्कर ने सबसे ज्यादा तीन बार एक टेस्ट की दोनों पारियों में शतक बनाए, जो एक भारतीय रिकॉर्ड है।
गावस्कर का बतौर कप्तान पहला टेस्ट मैच 1976 में न्यूजीलैंड के खिलाफ था। गावस्कर ने एकमात्र ODI शतक न्यूजीलैंड के खिलाफ जमाया था, जो 1987 वर्ल्ड कप में आया था और तब टूर्नामेंट में भारत का सबसे तेज शतक था। उन्होंने 47 टेस्ट मैच में भारत की कप्तानी की, लेकिन सिर्फ 9 में ही जीत दर्ज कर पाए, जबकि 8 में हार मिली. वहीं 30 ड्रॉ रहे। गावस्कर 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे, लेकिन ODI में उनका प्रदर्शन औसत रहा और सिर्फ 1 ही शतक उनके पूरे करियर में लगा।
अपने शतक से ज्यादा गावस्कर ODI क्रिकेट में अपनी सबसे धीमी पारी के लिए जाने जाते हैं। 1975 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 174 गेंदों में 36 रन बनाए थे।
अपने 125 टेस्ट में से गावस्कर ने 106 मैच लगातार खेले थे, जो उस समय वर्ल्ड रिकॉर्ड था.
महान भारतीय बल्लेबाज ने अपने करियर में 4 बार (1976, 1978, 1979, 1983) एक कैलेंडर ईयर में 1000 से ज्यादा टेस्ट रन बनाए।पूरे करियर में रिकॉर्ड 34 शतक जमाने के बावजूद गावस्कर कभी भी लॉर्ड्स में टेस्ट शतक नहीं बना सके। उन्होंने ही सबसे पहले 1983 में 29 टेस्ट शतकों के साथ सर डॉन ब्रैडमैन के वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की थी और फिर उसे तोड़ा था।गावस्कर ने ज्यादातर करियर में बिना हेलमेट के ही बैटिंग की और कई घातक तेज गेंदबाजों का सामना किया। केवल अंतिम वर्षों में स्कल-कैप का उपयोग किया।
1980 में भारत सरकार की ओर से उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.।इसके अलावा उन्हें अर्जुन अवॉर्ड और BCCI की ओर से सीके नायडू लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी दिया गया। गावस्कर और उनके बाद 10 हजार टेस्ट रन पूरे करने वाले दूसरे बल्लेबाज एलन बॉर्डर के नाम पर ही 1996 में भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का नाम बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी रखा गया, जो आज तक जारी है।
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