भारी बारिश के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में रायपुर में हुई किसान जवान और संविधान जनसभा के जरिये पार्टी ने मोदी सरकार और छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार पर तीखे हमले कर संदेश देने की कोशिश की है कि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिली पराजय के बाद वह जमीनी स्तर पर भाजपा से लड़ने को तैयार है। खरगे ने जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का नाम लेकर उन पर गौतम अडानी जैसे उद्योगपतियों की तरफदारी करने के गंभीर आरोप लगाए हैं, वह साफ संकेत है कि पार्टी इस मामले में नरमी नहीं दिखाएगी और इसमें प्रदेश कांग्रेस के लिए भी संदेश को पढ़ा जा सकता है। वास्तव में छत्तीसगढ़ अभी दो वजहों से चर्चा में है, एक तो यह कि बस्तर की खदानें बड़े उद्योगों के हवाले की जा सकती हैं और दूसरी वजह है, सरगुजा के हसदेव अरण्य में अडाणी की परियोजनाओं के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई। खरगे ने कहा, इन दोनों ही मुद्दों को लेकर खरगे के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन मुद्दों के साथ ही सामाजिक न्याय के मुद्दे को लेकर भी आक्रामक ढंग से केंद्र और राज्य सरकार पर हमले किए हैं। आज की जनसभा में खरगे और सचिन पायलट जैसे नेताओं के साथ ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तकरीबन सारे बड़े नेता भूपेश बघेल, चरणदास महंत, टीएस सिंहदेव, दीपक बैज और ताम्रध्वज साहू एक मंच पर नजर आए। यह देखना होगा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता आगे किस तरह का तालमेल दिखाते हैं, क्योंकि इस पर ही उनकी भाजपा से आगे की लड़ाई तय होगी।
कांग्रेस ने दिखाई ताकत

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