रायपुर। झारखंड के शराब घोटाला मामले (Jharkhand Liquor Scam) में एसीबी AP त्रिपाठी को झारखंड लेकर जाएगी। एसीबी ने कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट का आवेदन लगाया है। ए पी त्रिपाठी छत्तीसगढ़ के 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में आरोपी हैं। कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद एसीबी अरूणपति त्रिपाठी को झारखंड की राजधानी रांची लेकर जाएगी। एसीबी ने रांची की स्पेशल जज योगेश कुमार सिंह की अदालत में प्रोडक्शन वारंट आवेदन दिया है। इस नीति के जरिए बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ और सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ।
अरुणपति त्रिपाठी पर आरोप है कि ए.पी. त्रिपाठी झारखंड में लागू की गई नई शराब नीति के डिजाइन में शामिल रहे थे। यही मॉडल छत्तीसगढ़ से प्रेरित था। झारखंड के निलंबित आईएएस विनय कुमार चौबे के साथ मिलकर झारखंड में भी छत्तीसगढ़ जैसे घोटाले की साजिश रची थी। झारखंड एसीबी ने इस मामले में अब तक विनय चौबे समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
अरुणपति त्रिपाठी छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी विभाग के विशेष सचिव रह चुके हैं। इससे पहले वे छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के एमडी भी रहे हैं। इन्हें छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में ED ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे लंबे समय से जेल में बंद थे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अरूणपति त्रिपाठी को सशर्त जमानत दी थी। लेकिन, झारखंड ACB द्वारा प्रोडक्शन वारंट दाखिल करने के बाद एक बार फिर एपी त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
झारखंड शराब घोटाला मामले में ACB ने 19 जून को छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद झारखंड एसीबी सिद्धार्थ सिंघानिया को रांची लेकर गई थी। ACB को गिरफ्तारी के कुछ दिनों पहले ही सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट मिला था। सिंघानिया पर आरोप है कि बार– बार समन भेजने के बावजूद वो एसीबी दफ्तर में पेश नहीं हुए। इसके बाद एसीबी ने कोर्ट से गिरफ्तार वारंट को मांग की थी। कोर्ट ने सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
शराब घोटाले में कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को इस पूरे सिंडिकेट का ‘बिचौलिया’ बताया गया है। ईडी को मिली सिंघानिया की डायरी से सिंडिकेट के नेटवर्क, लेन-देन और साजिश की परतें खुली हैं। जानकारी के अनुसार, सिंघानिया ने छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर झारखंड तक नेटवर्क फैलाया और दोनों राज्यों की शराब नीति में कथित रूप से फेरबदल कर अपने हित साधे। जांच एजेंसियों का दावा है कि नीति में बदलाव कर शराब आपूर्ति, मैनपावर और होलोग्राम निर्माण से जुड़े ठेके अपने करीबी लोगों को दिलवाए गए।इस मामले में छत्तीसगढ़ में 7 सितंबर 2024 को एसीबी ने एफआईआर दर्ज की थी। इसमें तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, वरिष्ठ आईएएस अनिल टुटेजा सहित कई अफसरों और कारोबारियों को आरोपी बनाया गया है। वहीं, झारखंड में भी कई सप्लायर और कंपनियों पर गाज गिरी है।