[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
कौन सा राज्‍य जला रहा है सबसे अधिक पराली? सरकारी रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
श्रम कानून के खिलाफ ट्रेड यूनियनों का कल देशभर में प्रदर्शन
भूपेश बघेल ने चुनाव आयोग को बताया ‘केचुआ’, कहा – पहली बार देखा केचुआ की वजह से किसी की मौत हुई
SIR के खिलाफ ममता की हुंकार- ‘मेरे साथ खेलने की कोशिश मत करना, तुम हार जाओगे’
सर्वधर्म स्थल में प्रवेश करने से इंकार करने वाले सैन्य अधिकारी की बर्खास्तगी बरकरार
आरक्षण पर आईएएस संतोष वर्मा ने ऐसा क्‍या कह दिया कि ब्राह्मण समाज को नागवार गुजरा?
अयोध्‍या: पीएम मोदी ने राम मंदिर पर फहराई धर्म ध्‍वजा, बताया- भारतीय सभ्यता के पुनर्जन्म का प्रतीक
सुप्रीम कोर्ट ने अमित बघेल की अग्रिम जमानत याचिका और देशभर की FIR क्लबिंग की याचिका की खारिज
जस्टिस नागरत्ना की असहमति में दम होता तो अन्य जज भी उसे स्वीकारते, बोले पूर्व सीजेआई
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन में हिड़मा के नारों पर साइंटिस्ट्स फॉर सोसाइटी की सफाई
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

हिन्दी विरोध के बहाने

Editorial Board
Editorial Board
Published: July 5, 2025 8:59 PM
Last updated: July 5, 2025 8:59 PM
Share
uddhav raj thackeray
SHARE

शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई तथा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता राज ठाकरे ने बीस साल बाद न केवल मंच साझा किया है, बल्कि यह संकेत भी दिए हैं कि वे एक साथ राजनीतिक गठजोड़ करने को तैयार हैं। यह रैली वैसे तो महाराष्ट्र की देवेंद्र फड़नवीस सरकार द्वारा त्रिभाषा फार्मूले के तहत पहली से पांचवी कक्षा तक तीसरी भाषा के रूप में हिन्दी पढ़ाने के आदेश को वापस लेने के फैसले के कारण हुई, जिसे ठाकरे बंधु अपनी जीत बता रहे हैं, लेकिन इसके पीछे की सियासत भी एकदम साफ है। दोनों भाइयों ने हिन्दी थोपे जाने का विरोध किया और भाजपा पर तीखे हमले किए हैं। वास्तव में शिवसेना का जन्म ही भाषायी विरोध को लेकर हुआ था। बाल ठाकरे ने 1966 में दक्षिण भारतीयों के खिलाफ अभियान छेड़ा था जो 1980 के दशक के आते आते हिन्दी और उत्तर भारतीयों के विरोध तक जा पहुंचा। लेकिन उद्धव ठाकरे ने जब शिवसेना को कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाअघाड़ी का हिस्सा बनाने का फैसला लिया, तो हिन्दी विरोध की धार भोथरी पड़ गई। दूसरी ओर राज ठाकरे मनसे के जरिये हिन्दी विरोध की खुली राजनीति करते रहे। वास्तव में शिवसेना के विभाजन और एकनाथ शिंदे के पास आधिकारिक पार्टी के चले जाने के बाद उद्धव का धड़ा कमजोर ही हुआ है। बची-खुची कसर पिछले विधानसभा चुनाव में पूरी हो गई। दूसरी ओर राज ठाकरे की मनसे न तो लोकसभा चुनाव में कुछ खास कर पाई न विधानसभा चुनावों में। वास्तव में महाअघाड़ी में शामिल होने के बाद उद्धव की राजनीति एकदम बदल चुकी है और इसका असर उनके भाषण में दिखा जिसमें उन्होंने भाजपा और मोदी सरकार पर तो तीखे हमले किए ही, उद्योगपति गौतम अडानी पर भी को भी नहीं बख्शा जिन्हें कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर निशाना बनाते रहते हैं। दूसरी ओर राज ठाकरे ने मराठी अस्मिता को लेकर उसी अंदाज में भाषण दिया जिसके लिए वह जाने जाते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि उद्धव और राज गले तो मिल लिए हैं, लेकिन क्या उनके विचार भी मिल रहे हैं? वैसे उनकी पहली परीक्षा कुछ महीने बाद होने वाले बीएमसी (बृहनमुंबई महानगरपालिका) के चुनाव में हो जाएगी? और तब शायद यह भी पता चलेगा कि क्या वे बाल ठाकरे की विरासत को दोबारा हासिल कर पाते हैं?

TAGGED:EditorialMNSRaj ThackerayUBTUddhav Thackeray
Previous Article रायपुर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर के खिलाफ FIR दर्ज, छात्रा ने लगाए हैरासमेंट, छेड़छाड़ और मानसिक प्रताड़ना के आरोप
Next Article ONE BIG BEAUTIFUL BILL Undoing 80 years of progress
Lens poster

Popular Posts

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, आम जनता देख सकेगी किस जज की कितनी संपत्ति

लेंस नेशनल ब्यूरो। नई दिल्‍ली न्यायपालिका में पारदर्शिता और जनता का विश्वास बढ़ाने की दिशा…

By Lens News Network

ब्रेकिंग: रीएजेंट खरीदी घोटाले वाली मोक्षित कॉर्पोरेशन अब ED की राडार में, दुर्ग में कई ठिकानों पर दबिश

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) में रीएजेंट खरीदी घोटाले में शामिल रहा मोक्षित…

By दानिश अनवर

मैतेई नेता की गिरफ्तारी से शुरू हुई हिंसा के बाद मणिपुर में डरावना सन्नाटा, सीबीआई का जमकर विरोध

नेशनल ब्यूरो इंफाल। मैतेई संगठन अरम्बाई तेंगोल के नेता कानन सिंह की गिरफ्तारी को लेकर…

By Lens News Network

You Might Also Like

Trump’s proposal for Gaza
English

Trump’s proposal for Gaza: peace sans justice

By Editorial Board
English

Unmaking history

By Editorial Board
AIADMK and BJP alliance
लेंस संपादकीय

अन्नाद्रमुक के सहारे

By Editorial Board
Jammu Rain & Landslide
English

Flood : water never forgets its home

By Editorial Board

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?