रायपुर। रिश्वत लेकर प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को मान्यता दिलाने के मामले में सीबीआई ने रायपुर से श्री रविशंकर महाराज उर्फ श्री रावतपुरा सरकार समेत जिन 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर की है, उनमें से एक सेवानिवृत्त आईएफएस और रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के अध्यक्ष संजय शुक्ला भी हैं। लेकिन, खबर ये है कि अभी तक गिरफ्तारी केवल एक डायरेक्टर अतुल तिवारी की हुई है।
संजय शुक्ला छत्तीसगढ़ के वन बल सेवा प्रमुख और पीसीसीएफ भी रहें हैं। रावतपुरा ग्रुप में ट्रस्टी की भूमिका में हैं, इसलिए उनके खिलाफ एफआईआर की गई है। इस मामले में thelens.in ने संजय शुक्ला से उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने की कोशिश की तो पता चला कि आज वो दफ्तर ही नहीं आए हैं।
तो संजय शुक्ला कहां हैं?

रेरा का दफ्तर जहां संजय शुक्ला को होना चाहिए था। हमनें उनके निज सचिव से पूछा कि शुक्ला जी कहां हैं? तो जवाब मिला कि वे अस्वस्थ हैं और घर पर हैं। करीब एक हफ्ते तक वे नहीं आएंगे।
इसके बाद हम संजय शुक्ला के घर भी गए, क्योंकि सीबीआई की ये ऐसी बड़ी कार्रवाई थी, जिसकी चर्चा पूरे देश में हैं और संजय शुक्ला न केवल सेवानिवृत्त आईएफएस हैं बल्कि अभी छत्तीसगढ़ में रेरा चेयर पर्सन जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन हैं।
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि उनका पक्ष क्या है? क्या वे जमानत के लिए आवेदन करने जा रहें हैं? क्या वे इस एफआईआर के बाद भी रेरा अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहते हैं। या क्या सरकार की ओर से उन्हें यह पद छोड़ देने के संकेत मिले हैं।

हम उनके घर पहुंचे तो उनकी सरकारी गाड़ी उनके घर पर थी। उनकी सहायिका ने बताया कि साहब घर पर हैं, हम उनका इंतजार करते रहे। करीब 15 मिनट बाद उनके एक अन्य सहायक ने आकर सूचना दी कि साहब घर पर नहीं हैं। कहीं गए हुए हैं।
अब बड़ा सवाल यही है कि संजय शुक्ला इस्तीफा देंगे या छत्तीसगढ़ सरकार उनसे इस्तीफा मांगेगी या यथा स्थिति बनी रहेगी। लेकिन, इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने भी उनसे इस्तीफा नहीं मांगा है। सिर्फ इतना कहा कि उचित कार्रवाई होनी चाहिए।
इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने thelens.in से कहा कि मेडिकल कॉलेज के मान्यता के नाम पर रिश्वत के मामले में गंभीरता से जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
वहीं, सीबीआई की तरफ से की गई कार्रवाई के बाद भाजपा प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने thelens.in कहा कि कांग्रेस के लोग आरोप लगाते थे कि सीबीआई बीजेपी के अनुसार चलती है। असल में सीबीआई देश में कहीं पर भी गड़बड़ होता है और वह सीबीआई के संज्ञान में आता है तो वह कार्रवाई करती है। मेडिकल काउंसिल में गड़बड़ी की जो बातें आ रहीं थीं कि जो नए मेडिकल कॉलेज में मान्यता के एवज में जो गलत कार्य होता है तो सीबीआई ने दबिश दी है और जांच चल रही है। जांच के बाद स्थिति और भी साफ होगी।
प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के इस मामले में सीबीआई की इस कार्रवाई ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज रायपुर सहित सभी मेडिकल कॉलेज को इस वर्ष के लिए जीरो ईयर घोषित कर दिया गया है। लेकिन, अब अगला इंतजार यह है कि इन प्रभावशाली दिग्गजों के खिलाफ एफआईआर के बाद वो तमाम कार्रवाईयां कब होंगी, जो कोई भी एजेंसी आम लोगों के खिलाफ तुरत-फुरत में करती हैं।
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