नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा निजी मेडिकल और फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता को लेकर जिस तरह से पूरे देश में छापेमारी कर मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, उससे चिकित्सा शिक्षा से जुड़े माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें से कई चेहरे भाजपा और उसके शीर्ष नेताओं से जुड़े हैं।
द लेंस ने अपनी छानबीन में पाया है कि सीबीआई की चार्जशीट में ऐसे नाम भी हैं, जो पीएम नरेंद्र मोदी के नजदीकी माने जाते हैं और जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वास्थ्य योजनाओं से जुड़े मामलों में नीतिगत सलाह लेते रहे हैं।
कहां-कहां हुई छापेमारी, कौन-कौन हैं आरोपी
मेडिकल कॉलेजों द्वारा मान्यता लेने के क्रम में सीबीआई ने छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, यूपी आदि राज्यों में 40 जगहों पर छापेमारी की थी। रायपुर में यह छापेमारी श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (SRIMSAR) रायपुर में हुई थी। लेकिन अब यह मामला एक राष्ट्रीय स्तर के संगठित मेडिकल माफिया नेटवर्क की कारगुजारियों पर से पर्दा उठा रहा है।
सीबीआई ने इस मामले में कुल 36 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें डॉक्टर, संस्थानों के चेयरमैन, मंत्रालय के अधिकारी, निजी संस्थाएं और यहां तक कि एक स्वयंभू ‘गुरुजी’ भी शामिल हैं। अभी तक इस मामले में 6 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। यह स्पष्ट हो गया है कि इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC), बिचौलियों और निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों का एक गहरा जाल शामिल है।
जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें स्वास्थ्य मंत्रालय के आठ अधिकारी, एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण का कर्मचारी और निरीक्षण दल के पांच डॉक्टर शामिल हैं।
मोदी के विश्वासपात्र जीतू लाल मीणा घूस के पैसे से बनवा रहे मंदिर

इस बड़े गोरखधंधे में एक बड़ा नाम जीतू लाल मीणा का है। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि यह घूसखोरी के पैसे से सवाई माधोपुर में हनुमान जी का मंदिर बनवा रहे हैं। डॉ. जीतू लाल मीणा की एक पहचान यह भी है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद नजदीकी हैं। अपनी एक पुस्तक “पीएचसी से एनएमसी तक” में मीणा बताते हैं कि 2018 में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसी, जो बाद में प्राधिकरण बनी, उसमें जुड़ने के लिए उन्हें गुजरात से दिल्ली बुला लिया गया। मोदी जी के सीएम से पीएम बनने तक जीतू लाल उनके करीब रहे।
डॉ. मीणा बताते हैं, ‘मेरे जिम्मे आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत देश के तमाम अस्पतालों को सूचीबद्ध करने से लेकर इसकी गाइडलाइन बनाने, समझाने से लेकर लागू करवाने तक की जिम्मेदारी आ गई। अस्पतालों के पैकेज बनवाने की जिम्मेदारी भी मेरे पास थी। उस दौरान तकरीबन 25 हजार से ज्यादा अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया।’ गौरतलब है कि जीतू लाल पहले गुजरात की एक पीएचसी में डॉक्टर थे।
भाजपा की पूर्व एमएलसी के मेडिकल कॉलेज पर छापेमारी

मेडिकल कॉलेजों की मान्यता को लेकर यूपी के मेरठ में भी छापेमारी की गई। यहां के जिस एनसीआर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भारी फर्जीवाड़े और अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने कार्रवाई की है, वह भाजपा नेत्री और पूर्व एमएलसी डॉ. सरोजिनी अग्रवाल की बेटी डॉ. शिवानी अग्रवाल का है। डॉ. शिवानी, जो मेडिकल कॉलेज की सहायक प्रबंध निदेशक हैं, उन पर मेडिकल कॉलेज में 50 एमबीबीएस सीटें बढ़वाने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को फर्जी दस्तावेज और तथ्य प्रस्तुत करने का आरोप है।
सीबीआई जांच के अनुसार, कॉलेज प्रबंधन ने एनएमसी को गुमराह करने के लिए कई तरह की धोखाधड़ी का सहारा लिया। फर्जी फैकल्टी दिखाकर बायोमेट्रिक सिस्टम से छेड़छाड़ की गई, ताकि उनकी उपस्थिति दर्ज हो सके। वहीं, कुछ काल्पनिक मरीजों को इलाज के नाम पर दस्तावेजों में दर्शाया गया। यह सब एनएमसी की मान्यता हासिल करने के मकसद से किया गया था। सूत्रों के अनुसार, डॉ. शिवानी अग्रवाल को जल्द ही हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है।
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन व भाजयुमो नेता भी घेरे में

सीबीआई ने गुरुवार को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मोंटू पटेल पर शिकंजा कसा है। सीबीआई ने अहमदाबाद में झुंडाल स्थित उनके बंगले पर छापा मारा है। यह छापेमारी फार्मेसी कॉलेजों की मान्यता में घूसखोरी को लेकर हुई है। उन पर दिल्ली स्थित अपने कार्यालय और घर पर रिश्वत लेने का आरोप है। डॉ. मोंटू कुमार पटेल गुजरात स्टेट फार्मेसी काउंसिल के भी अध्यक्ष हैं। इसके साथ उनके पास फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष का दायित्व है। वह बीजेपी के युवा मोर्चा की यूथ डेवलपमेंट सेल के स्टेट इंचार्ज भी हैं। मोंटू पटेल के अहमदाबाद बंगले पर छापेमारी को रिश्वतखोरी के बड़े रैकेट से जोड़ा जा रहा है। इस कार्रवाई ने गुजरात में फार्मेसी काउंसिल से जुड़े लोगों के बीच हड़कंप मचा दिया है।
मोहन यादव और गडकरी से सम्मानित सुरेश भदौरिया पर भी शिकंजा

अवैध तरीके से मान्यता लेने के मामले में एक छापेमारी “इंडेक्स मेडिकल कॉलेज” के संचालक सुरेश सिंह भदौरिया के आवास पर की गई। उन पर भी फर्जी तौर-तरीकों से मान्यता लेने का आरोप है। भदौरिया व्यापम घोटाले में भी आरोपी रहे हैं। दिलचस्प यह है कि सुरेश सिंह भदौरिया को स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा हाल ही में “विजनरी ऑफ एमपी” पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इन्हें पुरस्कृत किया है।