[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
टीवी डिबेट के दौरान वाल्मीकि पर टिप्पणी को लेकर पत्रकार अंजना ओम कश्यप और अरुण पुरी पर मुकदमा
बिहार चुनाव में नामांकन शुरू लेकिन महागठबंधन और NDA में सीट बंटवारे पर घमासान जारी
क्या है ननकी राम कंवर का नया सनसनी खेज आरोप?
EOW अफसरों पर धारा-164 के नाम पर कूटरचना का आरोप, कोर्ट ने एजेंसी चीफ सहित 3 को जारी किया नोटिस
रायपुर रेलवे स्टेशन पर लाइसेंसी कुलियों का धरना खत्म, DRM ने मानी मांगे, बैटरी कार में नहीं ढोया जाएगा लगेज
तालिबान के दबाव में विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन
छत्तीसगढ़ संवाद के दफ्तर में झूमाझटकी, मामला पुलिस तक
काबुल में पाकिस्‍तान की एयर स्‍ट्राइक से क्‍यों चौकन्‍ना हुआ चीन, जारी की सुरक्षा चेतावनी
नक्सलियों के आईईडी ने फिर ली मासूम की जान
TATA में ट्रस्‍ट का संकट, जानिए क्‍या है विवाद?
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

पतंजलि को कोर्ट से एक और झटका, डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ विज्ञापन दिखाने पर रोक

Lens News Network
Last updated: July 4, 2025 3:02 am
Lens News Network
ByLens News Network
Follow:
Share
patanjali dabur dispute
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

नई दिल्‍ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पतंजलि को डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ अपमानजनक विज्ञापन प्रसारित करने से रोकने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा ने डाबर की याचिका पर अंतरिम रोक का आदेश जारी किया। याचिका में कहा गया था कि पतंजलि का “स्पेशल च्यवनप्राश” डाबर च्यवनप्राश और सामान्य रूप से अन्‍य च्यवनप्राश की छवि खराब कर रहा है।

पतंजलि के विज्ञापन में दावा किया गया कि “अन्य किसी निर्माता को च्यवनप्राश बनाने का ज्ञान नहीं है,” जो सभी प्रतिस्पर्धियों को नीचा दिखाता है।न्यायमूर्ति पुष्कर्णा ने डाबर की अंतरिम राहत की मांग को स्वीकार करते हुए कहा कि इस चरण पर डाबर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले विज्ञापनों को रोकना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा की आड़ में किसी कंपनी को दूसरों को बदनाम करने की छूट नहीं दी जा सकती।

इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई 2025 को होगी, जहां दोनों पक्ष विस्तृत तर्क पेश करेंगे। अदालत तब यह फैसला करेगी कि पतंजलि के विज्ञापनों पर स्थायी रोक लगेगी या नहीं।याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि पतंजलि के विज्ञापनों में आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में भ्रामक और गलत दावे किए गए हैं, जो डाबर च्यवनप्राश की तुलना में अपमानजनक हैं। इसमें अन्य च्यवनप्राश को “साधारण” कहकर उनकी गुणवत्ता को कमतर बताया गया है।

डाबर की ओर से अधिवक्ता जवाहर लाला और मेघना कुमार ने पक्ष रखा। याचिका में कहा गया कि पतंजलि ने यह गलत दावा किया कि अन्य निर्माताओं को आयुर्वेदिक ग्रंथों और च्यवनप्राश के फार्मूले की जानकारी नहीं है।

क्‍या है विवाद?

पतंजलि और डाबर के बीच विवाद का कारण पतंजलि का एक विज्ञापन है, जिसमें दावा किया गया कि उनके च्यवनप्राश में 51 जड़ी-बूटियां और हिंट हैं, जबकि डाबर के उत्पाद में केवल 40 जड़ी-बूटियां हैं। डाबर ने इसे गलत बताया और कहा कि विज्ञापन में डाबर च्यवनप्राश में मर्क्युरी होने का अप्रत्यक्ष दावा किया गया, जिसे बच्चों के लिए असुरक्षित बताया गया।

डाबर का कहना है कि इससे उनकी ब्रांड छवि को नुकसान पहुंचा है और ग्राहकों का वर्षों से बना विश्वास टूट रहा है। दूसरी ओर, पतंजलि का कहना है कि उनके विज्ञापन में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने इसे “पफरी” यानी एक सामान्य विज्ञापन रणनीति बताया, जिसमें ब्रांड अपने उत्पाद की प्रशंसा करता है बिना किसी प्रतिद्वंद्वी का नाम लिए। पतंजलि ने दावा किया कि उन्होंने डाबर का नाम नहीं लिया और न ही उनके उत्पाद की सीधी तुलना की।

TAGGED:ChyavanprashDelhi High CourtdisputepatanjaliTop_News
Previous Article Reliance Communications रिलायंस कम्युनिकेशन का लोन अकाउंट फ्रॉड घोषित, 404 अरब का कर्ज
Next Article MEDICAL COLLEGE RAIPUR रायपुर मेडिकल कॉलेज के छात्रों को हॉस्टल के लिए सिर्फ आश्वासन, सुविधा कब तक पता नहीं ?
Lens poster

Popular Posts

अमृतसर के मजीठा में जहरीली शराब से 14 की मौत, 5 गिरफ्तार, प्रशासन जांच में जुटा

द लेंस डेस्क। पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा क्षेत्र में जहरीली शराब (poisonous liquor)…

By Lens News Network

धनखड़ के बाद अब बीजेपी सांसद ने सुप्रीम कोर्ट पर साधा निशाना, कहा – सीजेआई गृहयुद्ध के लिए जिम्मेदार

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली वक्फ बिल और राज्यपालों द्वारा बिलों को रोकने के मामले में…

By The Lens Desk

NISAR Satellite Launch: अंतरिक्ष में क्‍या करेगा निसार, NASA-ISRO का है संयुक्‍त अभियान

द लेंस डेस्‍क। नासा और इसरो का संयुक्त उपग्रह निसार (NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) बुधवार…

By अरुण पांडेय

You Might Also Like

धर्म

कट्टरता ने सभ्यताओं का विनाश किया

By The Lens Desk
Amarjeet Bhagat
छत्तीसगढ़

CM साय को ज्ञापन देने मैनपाट जा रहे पूर्व मंत्री भगत गिरफ्तार

By Lens News
CG Cabinet Controversy
छत्तीसगढ़

कुत्ते का जूठा खाना खिलाने पर हाई कोर्ट सख्त, शिक्षा सचिव से मांगा व्यक्तिगत हलफनामा

By दानिश अनवर
Batla House
अन्‍य राज्‍य

महिला पत्रकारों को गाली बकने वाले अभिजीत अय्यर मित्रा को पांच घंटे में पोस्ट हटाने की चेतावनी

By Lens News Network

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?