मुंबई। महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने का वादा कर महराष्ट्र सत्ता में आई महायुती सरकार ने अब ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ पर हंटर चलाना शुरू कर दिया है। योजना का लाभ ले रहीं 2,289 महिलओं को अब इससे वंचित कर दिया गया है। सरकार ने हाल ही में पाया कि कई महिलाएं पात्रता शर्तों को पूरा किए बिना इस योजना का लाभ उठा रही थीं, जिनमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल थीं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने महाराष्ट्र विधानसभा में लिखित जवाब में बताया कि सरकार की जांच में पाया गया कि 2,289 महिला सरकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना का लाभ ले रही थीं। इनकी पहचान के बाद इन्हें योजना से बाहर कर दिया गया है।
माझी लाडकी बहिन योजना विवादों के घेरे में रही है। विपक्ष इस पर लगातार सवाल उठाता रहा है। मीडिया खबरों के अनुसार जिन महिलाओं को योजना से बाहर किया गया है सरकार ने उनसे वसूली का कोई इरादा नहीं जताया है, लेकिन भविष्य में गलत खातों में धनराशि न जाए, इसके लिए सत्यापन प्रक्रिया जारी है। अब तक नौ लाख से अधिक महिलाओं के नाम सूची से हटाए जा चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस योजना का लाभ 2.37 करोड़ महिलाएं ले रही हैं।
फंड की किल्लत
लाडकी बहिन योजना के लिए हर महीने धनराशि उपलब्ध कराने में सरकार को फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए कई विभागों के बजट को इस योजना में स्थानांतरित किया जा रहा है। हाल ही में यह आरोप भी लगे थे कि कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए दी जाने वाली आर्थिक सहायता को इस योजना में डायवर्ट किया गया। पहले भी कई सरकारी विभाग इस मुद्दे पर आपस में भिड़ चुके हैं।
पुणे में 75 हजार से अधिक महिलाएं जांच के दायरे में
महाराष्ट्र के पुणे में ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के तहत 75,000 से अधिक ऐसी महिलाओं का पता चला है, जिनके पास चार पहिया वाहन दर्ज हैं। इन महिलाओं को शुरू में योजना के लाभार्थियों में शामिल किया गया था, लेकिन अब सरकार ने उनकी पात्रता की दोबारा जांच शुरू की है। इस बड़े पैमाने पर संभावित अपात्र लाभार्थियों की संख्या ने योजना की प्रारंभिक जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
मुंबई के मंत्रालय भवन में योजना की निगरानी के लिए गठित विशेष प्रकोष्ठ के अधिकारियों ने बताया कि राज्य परिवहन विभाग (आरटीओ) ने पुणे जिला परिषद को दो सूचियां प्रदान की हैं। पहली सूची में 58,350 और दूसरी में 16,750 महिलाओं के नाम हैं, जिनके पास चार पहिया वाहन रजिस्टर्ड हैं। इन सूचियों को पुष्टि के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भेजा गया है।
क्या है योजना?
माझी लाडकी बहिन योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसे अक्टूबर 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू किया गया था। करीब 2.45 करोड़ महिलाओं ने इसके लिए पंजीकरण कराया है। सरकार का दावा है कि यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए शुरू की गई है। हाल ही में खबर आई थी कि नौ लाख महिलाओं को इस योजना से बाहर किया गया है, और कई लाख अन्य महिलाओं की जांच अभी भी चल रही है।