स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- जांच हो गई, आरोप बेबुनियाद
बेंगलुरु। हार्ट अटैक से मौत और कोरोना वैक्सीन के संबंध को लेकर केंद्र और कर्नाटक सरकार में ठन गई है। कर्नाटक के हासन जिले में 40 दिन में 20 लोगों की मौत के मामले सामने आने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने के आदेश दिए हैं। सिद्धारमैया ने इन मौतों को लेकर कोरोना वैक्सीरन को जिम्मेदार ठहराते हुए एक्स पर पोसटा किया है। इस बीच केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।
दरअसल, कर्नाटक के हासन में जिन 20 लोगों की मौत हार्ट अटैक से बीते दिनों हुई है, उसमें ज्यादातर युवा हैं। 20 से 45 आयु वर्ग के लोगों की अचानक से मौत होने के बाद कर्नाटक सरकार चिंता में आ गई है। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने मंगलवार को कहा कि जल्दबाजी में कोविड टीकों को मंजूरी दी गई और टीकाकरण किया गया, जो कि इन मौतों के कारणों में से एक हो सकता है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि यदि सांस लेने में तकलीफ हो या सीने में दर्द हो तो तुरंत पास के अस्पताल जाकर जांच कराएं।
सिद्धारमैया ने एक्स, पर पोस्ट कर कहा कि पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई जिलों में हार्ट अटैक और मौतों में हुई वृद्धि पर अध्ययन कर रिपोर्ट देने के लिए एक समिति गठित की गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
आलोचना से पहले आत्ममंथन करें बीजेपी नेता : सिद्धारमैया
कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने एक्स पर पोस्ट में कहा है कि हसन जिले में पिछले एक महीने में दिल के दौरे से 20 से अधिक लोगों की मौत के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। इन मौतों के सटीक कारणों का पता लगाने और समाधान खोजने के लिए जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. रविंद्रनाथ के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई है। समिति को 10 दिनों के भीतर अपनी अध्ययन रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य में युवाओं और बच्चों की अचानक मौतों के कारण क्या हैं? क्या कोविड वैक्सीन के दुष्प्रभाव इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं? इस मामले की गहन जांच के लिए फरवरी में इस समिति को आदेश जारी किया गया था। इसके साथ ही, हृदय रोगियों की जांच और विश्लेषण भी जारी है।
उन्होंने कहा कि संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोविड वैक्सीन की जल्दबाजी में मंजूरी और वितरण ने इन मौतों में योगदान दिया हो, क्योंकि हाल के कई वैश्विक अध्ययनों में संकेत मिला है कि वैक्सीन हृदयाघात के बढ़ते मामलों का एक कारण हो सकती है। बीजेपी नेताओं को इस मामले में हमारी आलोचना करने से पहले आत्ममंथन करना चाहिए।
स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने क्या कहा…

कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया के आरोपों के एक दिन बाद ही केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) की एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि कोरोना वैक्सीन और हार्ट अटैक से मौतों के बीच कोई संबंध नहीं है।
बुधवार को जारी रिपोर्ट में दावा किया गया कि देश के 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में मई से अगस्त 2023 के बीच एक अध्ययन किया गया। यह अध्ययन ऐसे लोगों पर किया गया, जो सेहतमंद थे लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच उनकी अचानक मौत हो गई थी। इस अध्यथयन में निकलकर आया कि कोरोना वैक्सीन की वजह से युवाओं में हार्ट अटैक का कोई खतरा नहीं है।
पीआईबी पर जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि कोविड टीकाकरण को अचानक मौतों से जोड़ने वाले बयान झूठे और भ्रामक हैं और इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। बिना ठोस सबूत के अटकलबाजी वाले दावे टीकों में जनता के विश्वास को कमजोर कर सकते हैं, जिन्होंने महामारी के दौरान लाखों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसी निराधार खबरें और दावे देश में टीकाकरण के प्रति हिचकिचाहट को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।