रायपुर। कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप पर सीधा हमला बोला है। केदार कश्यप को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें वन मंत्री पर अपने मुद्दों से बचने की बजाए दूसरे के मुद्दों में कूदने की बात कही। इस पोस्ट में 10 वर्ष पुराने एक ऐसे मामले को उठाया है, जो उनकी पत्नी शांति कश्यप की परीक्षा से जुड़ा है। तब केदार कश्यप शिक्षा मंत्री थे।
अब जब कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के मोबाइल चोरी के मामले में केदार कश्यप ने बयान दिया तो छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने उन्हें सोशल मीडिया में कार्टून के जरिए घेरने की कोशिश की।
इस पोस्ट के जरिए कांग्रेस ने केदार कश्यप की पत्नी की परीक्षा का मुद्दा एक बार फिर उठा दिया। इस परीक्षा केस में यह बात सामने आई थी कि केदार कश्यप की पत्नी की जगह परीक्षा हॉल में कोई और परीक्षा देने पहुंचा था। तब कांग्रेस ने इस मामले को बहुत उठाया था। तब जानकारी सामने आई थी कि जो परीक्षा देने बैठी थी, वो केदार कश्यप की साली थी। हालांकि इस मामले में 10 साल पहले अज्ञात महिला के खिलाफ एफआईआर तो हुई थी, लेकिन अब तक उस अज्ञात महिला को ज्ञात करने में सरकारी सिस्टम नाकाम रहा।
दरसअल, कांग्रेस कार्यालय से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का फोन चोरी होने की घटना पर केदार कश्यप ने कांग्रेस की इंटरनल पॉलिटिक्स को लेकर बयान दिया। वन मंत्री के इस बयान के बाद सोमवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने केदार कश्यप से जुड़ा एक कार्टून X पर पोस्ट किया। इस कार्टून के साथ कांग्रेस ने लिखा, ‘ये वही वन मंत्री है! बीवी की परीक्षा देती जिनकी साली है, अवैध खनन करती जिनकी भाभी है। लौह अयस्क से करोड़ों की उगाही है, आदिवासी हितों में बोलने की जिनको मनाही है। जंगलों के कटने और खदानों में साझेदारी है, अपना काम छोड़ दूसरे के मुद्दों में कूदने की इन्हें बीमारी है।’
यह मामला तब का है, जब 10 वर्ष पहले केदार कश्यप की पत्नी शांति कश्यप पर ओपन यूनिवर्सिटी में एमए अंग्रेजी की परीक्षा में अपने किसी अन्य रिश्तेदार से दिलवाने का आरोप लगा था। तब कांग्रेस ने इस्तीफा भी मांगा था, हालांकि तब कांग्रेस के आरोपों पर केदार कश्यप ने सफाई दी थी कि उनकी पत्नी ने परीक्षा फॉर्म भरा ही नहीं था। ऐसे में उनकी जगह किसी और का परीक्षा देने का सवाल ही नहीं उठता। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने केदार कश्यप को क्लीन चिट देते हुए उनका इस्तीफा लेने से साफ इंकार कर दिया था।
अब तक पेश नहीं हुआ चालान
इस मामले में thelens.in ने जब पड़ताल की तो पता चला कि अगस्त 2015 में हुए इस कांड के बाद पुलिस ने मामला उजागर होने के बाद एफआईआर की थी। लोहंडीगुड़ा के परीक्षा केंद्र में हुए इस मामले में पुलिस ने पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के प्रभारी कुल सचिव की शिकायत पर एक अज्ञात महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर आईपीसी की धारा 419 और छत्तीसगढ़ सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2008 की धारा 9 के तहत की गई थी।
द लेंस की पड़ताल में यह पता चला कि इस मामले में अब तक पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश नहीं किया, क्योंकि अब तक इस मामले में आरोपी को पुलिस गिरफ्तार ही नहीं कर पाई है।
इस मामले में द लेंस ने पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले में पूर्व सीएम ने अपने शिक्षा मंत्री को क्लीन चिट दे दी थी। हमने इस मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। चूंकि मामला कोर्ट में है, तो इस मामले में मेरा ज्यादा कुछ कहना सही नहीं है।
दो बार विधानसभा में उठ चुका है मामला
इस मामले की पड़ताल में पता चला कि विधानसभा में इस संबंध में दो बार मामला उठ चुका है। जब यह घटना हुई थी, तब एक विधायक लखेश्वर बघेल ने विधानसभा में सवाल पूछा कि फर्जी तरीके से परीक्षा देने के मामले में किस महिला के खिलाफ एफआईआर हुई है और पुलिस ने क्या कार्रवाई की है। तब सवाल के जवाब तात्कालीन गृहमंत्री रामसेवक पैकरा ने विधानसभा में जवाब दिया कि 4 अगस्त 2015 को हायर सेकंडरी स्कूल में एमए फाइनल की परीक्षा में शांति कश्यप की जगह एक अज्ञात महिला परीक्षा देने आई थी, जिसके खिलाफ एफआईआर की गई है, लेकिन वह कौन है, इसका जानकारी नहीं मिल पाई है, इसलिए उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
दूसरी बार मामला घटना के करीब 4 साल बाद नवंबर 2019 में तात्कालीन नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप ने उठाया था। चंदन कश्यप ने सवाला किया था कि पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के परीक्षा केंद्र में फर्जी परीक्षार्थी के संबंध में पुलिस ने कोई कार्रवाई की है। अगर कार्रवाई हुई है तो वह क्या है? इस पर जवाब मिला कि अज्ञात महिला के खिलाफ एफआईआर हुई थी। जांच चल रही है। लेकिन, जांच कब तक चलेगी, इसकी कोई समय सीमा बताना संभव नहीं है।