रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स डे के मौके पर हो रहे कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यक्रम में मेडिकल छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। जूनियर डॉक्टर्स ने कार्यक्रम के दौरान जब मुख्यमंत्री का भाषण खत्म हुआ, तब नारेबाजी शुरू कर दी। ये छात्र ‘We want hostel’ के नारे लगा रहे थे। इसके अलावा ‘हमारी मांंगे पूरी करो‘ के नारे भी ऑडियंस गैलरी में बैठे छात्रों ने लगाए। जब नारे लग रहे थे, तब मुख्यमंत्री मंच पर ही बैठे थे। मेडिकल छात्र हॉस्टल की मांग को लेकर जिद पर अड़े थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री को मंच से उतरकर नीचे आना पड़ा और छात्रों से बात करनी पड़ी।
मेडिकल कॉलेज में हुए घटनाक्रम के बाद एक और घटनाक्रम हुआ। दरअसल, मुख्यमंत्री के मेडिकल कॉलेज से रवाना होने के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय और प्रदेश के खुफिया महकमे की तरफ से स्वास्थ्य विभाग के अफसरों और मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदारों की जमकर क्लास ली गई। इसका नतीजा यह रहा कि मेडिकज कॉलेज प्रबंधन की तरफ से नारेबाजी में शामिल छात्रों को धमकाया जा रहा है। मेेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस के छात्रों ने thelens.in को नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि अब उन्हें कार्रवाई का डर दिखाया जा रहा और उन्हें परीक्षा में फेल करने तक की धमकी दी जा रही है।

दरअसल, डॉक्टर्स डे के मौके पर मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में इंटर्नशिप पूरा कर चुके डॉक्टर्स को ग्रामीण इलाकों में काम करने का बॉन्ड देने का कार्यक्रम था। इसके अलावा कोविड 19 की वजह से मरने वाले स्वास्थ्य विभाग के कोविड वॉरियर के परिजनों का सम्मान भी किया जाना था। इसी कार्यक्रम में शामिल होने मुख्यमंत्री साय, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, कई विधायक, महापौर और स्वास्थ्य विभाग के आला अफसर पहुंचे थे। जैसे ही मुख्यमंत्री ने अपना भाषण खत्म किया, वैसे ही मेडिकल छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
दरअसल, मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल की मांग कई दिनों से चल रही है। हॉस्टल का निर्माण भी शुरू हुआ था, लेकिन कई महीनों से काम रुक गया है। हॉस्टल का आधा ढांचा खड़ाकर छोड़ दिया गया है। इसकी वजह से हॉस्टल का निर्माण पूरा नहीं हो सका। हॉस्टल नहीं होने की वजह से छात्रों को बाहर रहना पड़ रहा है, जो कई छात्रों को काफी महंगा पड़ता है। इस वजह से छात्र लगातार हॉस्टल की मांग कर रहे थे। सभी छात्र हॉस्टल की मांग कर रहे थे।
नारेबाजी के बाद मुख्यमंत्री जब नीचे आकर छात्रों से मिले तो छात्रों ने उन्हें अपनी तकलीफ बताई। छात्रों ने सीएम से कहा कि एमबीबीएस के छात्रों को जल्द से जल्द हॉस्टल उपलब्ध कराने की कृपा करें।
छात्रों ने बताया कि एमबीबीएस फर्स्ट ईयर से लेकर फाइनल ईयर तक के 1014 स्टूडेंट्स को हाॅस्टल की सुविधा नहीं मिल रही है। हॉस्टल नहीं मिलने से सभी छात्र कॉलेज के बाहर किराए के मकानों में रहने के लिए मजबूर हैं। इससे उन्हें घर से कॉलेज आने जाने में समय और किराया लगता है। इसकी वजह से कई बार वे समय पर कक्षाओं में नहीं पहुंच पाते हैं। इतना ही नहीं बाहर के कमरों का किराया 5 हजार से 10 हजार रुपए तक पड़ता है, जिसका कई छात्रों पर आर्थिक भार पड़ता है। मेडिकल स्टूडेंट्स ने मांग की है कि जब तक हॉस्टल की सुविधा नहीं मिलती तब तक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।