द लेंस डेस्क। JNU Missing student Najeeb Ahmed: जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के केस अब बंद हो गया है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई को नजीब के मामले को समाप्त करने की मंजूरी दे दी। नजीब 15 अक्टूबर 2016 को लापता हो गया था। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति माहेश्वरी ने सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट को स्वीकार किया, लेकिन भविष्य में कोई नया सबूत मिलने पर मामले को दोबारा खोलने की अनुमति दी। वहीं नजीब की मां का कहना है कि वह अंतिम समय तक उनका इंतजार करेंगी।
सीबीआई ने अक्टूबर 2018 में अपनी जांच रोक दी थी, क्योंकि जेएनयू में बायोटेक्नोलॉजी के मास्टर्स छात्र नजीब का कोई सुराग नहीं मिला। दिल्ली हाई कोर्ट की अनुमति के बाद सीबीआई ने अपनी अंतिम रिपोर्ट अदालत में जमा की थी। नजीब, जो उस समय 27 वर्ष का था। 15 अक्टूबर 2016 को जेएनयू के माही-मांडवी हॉस्टल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़े कुछ छात्रों के साथ हुए विवाद के बाद से लापता है।
साजिश का प्रमाण नहीं
नजीब की मां फातिमा नफीस ने अपने बेटे के लापता होने के बाद पहले दिल्ली पुलिस और फिर सीबीआई से जांच की मांग की थी। हालांकि, सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट में कहा गया कि उन्हें एबीवीपी के छात्रों की संलिप्तता या किसी साजिश का कोई ठोस सबूत नहीं मिला। जांच में सभी संभावित पहलुओं की पड़ताल के बावजूद नजीब का कोई सुराग नहीं मिला। फातिमा ने इस रिपोर्ट को अदालत में चुनौती दी थी और दावा किया था कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष नहीं थी। फिर भी, अदालत ने सीबीआई के निष्कर्ष को मान्य करते हुए मामले को बंद कर दिया।
नजीब की मां ने क्या कहा
मीडिया खबरों के अनुसार, नजीब की मां फातिमा नफीस ने कहा कि जब तक उनकी सांसें हैं, वह अपने बेटे की तलाश तब तक जारी रखेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि अगर जरूरी हुआ तो वह न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगी। अपनी आगे की रणनीति तय करने के लिए वह अपने वकीलों से सलाह लेंगी। फातिमा ने नजीब के मामले में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर कई प्रदर्शनों में भी हिस्सा ले चुकी हैं।