द लेंस डेस्क। बिहार में इसी साल 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले वहां आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। अब ताजा हमला वक्फ संशोधन कानून को लेकर हो रहा है। बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडिया गठबंधन, खासकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने तेजस्वी के वक्फ संशोधन कानून को “कूड़ेदान में फेंकने” वाले बयान की आलोचना की। त्रिवेदी ने कहा कि आरजेडी और समाजवादी पार्टी जैसे दल समाजवाद की आड़ में अल्पसंख्यकों के हितों की बात नहीं करते, बल्कि उनका समाजवाद “नमाजवाद” बन गया है।
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वे बिहार में शरिया कानून लागू करने की मंशा रखते हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि जिन वक्फ कानून प्रावधानों का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है, क्या वे इस्लाम के प्रमुख देशों जैसे सऊदी अरब, इंडोनेशिया या तुर्किये में लागू हैं? उन्होंने कहा कि यहां तक कि सीरिया और इराक जैसे आईएसआईएस प्रभावित क्षेत्रों में भी ऐसे कानून नहीं हैं। सांसद ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या विपक्ष बिहार में सऊदी अरब या इंडोनेशिया से भी कट्टर शरिया कानून लागू करना चाहता है?
उन्होंने आगे कहा कि राजद और समाजवादी पार्टी जैसी पार्टियां समाजवाद का मुखौटा पहनती हैं, लेकिन ये गरीब और वंचित मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा नहीं करतीं, बल्कि कुछ चुनिंदा लोगों के फायदे के लिए काम करती हैं। उन्होंने इन दलों के समाजवाद को खारिज करते हुए इसे ‘नमाजवाद’ करार दिया और कहा कि यह समाजवाद से कोसों दूर है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर कोई बाबा साहब आंबेडकर के संविधान को कमजोर करने की कोशिश करेगा, तो भाजपा और एनडीए इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।
तेजस्वी यादव ने क्या कहा था?
रविवार को पटना के गांधी मैदान में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक बड़ी रैली हुई थी। यह रैली इमारत-ए-शरिया की ओर से आयोजित की गई थी। रैली में तेजस्वी यादव, दीपांकर भट्टाचार्य, पप्पू यादव और कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए। रैली में नेताओं ने वक्फ कानून को गरीब और अल्पसंख्यक विरोधी बताया और इसके खिलाफ संसद, सड़क और कोर्ट में लड़ने की बात कही।
तेजस्वी ने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में इस कानून का विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट में भी मामला उठाया। उन्होंने दावा किया कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार इस कानून को रद्द कर देगी। उन्होंने कहा कि अभी जो लोग सत्ता में हैं, वह लोग जाने वाले हैं, जब गरीबों की सरकार बनेगी तो बिहार इस कानून को कूड़ेदान में फेंक देगा। उन्होंने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में हेरफेर कर गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों को वोट देने से रोका जा रहा है। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।