The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
गुजरात हाईकोर्ट में टॉयलेट में बैठकर ऑनलाइन सुनवाई में शामिल हो गया शख्स
आरएसएस को संविधान की प्रस्तावना नापसंद, कांग्रेस ने किया हमला
जनगणना में आदिवासियों की धार्मिक पहचान पर संकट, उठ रहे सवाल
चुनाव आयोग के इंसेंटिव रिवीजन वाले दावे पर योगेंद्र यादव ने उठाया सवाल, कहा – लाखों वोट उड़ाने का खेल?
इंडियन ओवरसीज बैंक के गोल्ड लोन घोटाले पर चालान पेश, बैंक मैनेजर और उसकी टीम ने 17 लोगों के नाम से लोन लेकर शेयर और क्रिप्टो में किया था निवेश
कर्नाटक : जहरीला मांस खाने से बाघिन और चार शावकों की मौत, पांच हिरासत में
आपातकाल पर मोदी की कहानियां उनकी डिग्रियों जैसी हैं!
कोलकाता लॉ कॉलेज में छात्रा से सामूहिक दुष्‍कर्म, तीन आरोपी  हिरासत में
World View : खालिस्तानी उग्रवादियों के खिलाफ क्या साथ हैं भारत-कनाडा?
राजा रघुवंशी हत्या मामले में दो आरोपी कोर्ट में पलटे
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस रिपोर्ट
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.

Home » चुनाव आयोग के इंसेंटिव रिवीजन वाले दावे पर योगेंद्र यादव ने उठाया सवाल, कहा – लाखों वोट उड़ाने का खेल?

देश

चुनाव आयोग के इंसेंटिव रिवीजन वाले दावे पर योगेंद्र यादव ने उठाया सवाल, कहा – लाखों वोट उड़ाने का खेल?

The Lens Desk
Last updated: June 27, 2025 10:07 pm
The Lens Desk
Share
incentive revision
SHARE

बिहार में आगामी विधान सभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन) अभियान शुक्रवार से शुरू हो गया है। पटना समाहरणालय में आयोजित कार्यशाला से इसे शुरू किया गया। इस अभियान के तहत 1 जुलाई 2025 को क्वालीफाई तारीख मानते हुए शुरू किया गया है। चुनाव आयोग के स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन शुरू करने के फैसले का लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।

इस मसले को लेकर योगेंद्र यादव ने सोशल मीडिया में एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने, ‘बिहार में चुनाव आयोग का अभूतपूर्व, अजीब, अलोकतांत्रिक और असंभव आदेश: लाखों वोट उड़ाने का खेल?’ लिखते हुए सवाल खड़े किए। उन्होंने आगे लिखा, ‘लाखों लोगों का नाम वोटर लिस्ट से कट जाएगा या फिर बिहार का चुनाव टल जाएगा।’

दरअसल, चुनाव आयोग के इंसेटिव रिवीजन के फैसले को लेकर यह सवाल खड़ा किया है। अपने इस वीडियो में दावा किया है कि अगर चुनाव आयोग इस तरह से वोटर लिस्ट का रिवीजन करता है तो लाखों वोटर्स का नाम कट जाएगा, क्योंकि चुनाव आयोग इस फैसले में यह उदावा कर रहा है कि मतदाताओं को एक फॉर्म भरना होगा और जमा करना होगा, इसके बाद ही उनका नाम मतदाता सूची में आएगा। उन्होंने अपने वीडियो में सवाल किया कि यह पहली बार हो रहा है कि चुनाव के तीन महीने पहले पूरे मतदाता सूची को नए सिरे से लिखा जा रहा है।

स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन की प्रक्रियाओं पर सवाल खड़ा करते हुए योगेंद्र ने कहा कि भारत में वोटरलिस्ट में आपका नाम है यह जिम्मेदारी आपकी नहीं सरकार की है। पहली बार वोटर से कहा जा रहा है कि आप फॉर्म भरो। अगर आप फॉर्म भरकर नहीं दोगे तो आपका नाम नहीं आएगा। पहली बार वोटर लिस्ट में शामिल होने के लिए आपसे देश के नागरिक होने का प्रूफ मांगा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अचानक चुनाव आयोग के दिमाग में यह बात कैसे आई है। 18 बिंदुओं में बदलाव की बात कही गई थी, लेकिन उनमें कहीं नहीं कहा गया कि हम नए सिरे से वोटर लिस्ट बनाएंगे। दिसंबर जनवरी तक बिहार में समरी रिविजन हुआ है। यानी कि पूरी वोटर लिस्ट की जांच हुई है। उसमें करीब 5 लाख नए नाम जुड़ें हैं और एक लाख नाम कटे हैं। अब एक बार फिर से लिस्ट का काम होगा तो यह अजीब फैसला है।

क्या है स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन?

चुनाव आयोग ने इस रिवीजन को लेकर दावा किया है कि बिहार में पिछला रिवीजन वर्ष 2003 में किया गया था। लेकिन वर्तमान में शहरीकरण, प्रवासन, नए मतदाताओं की संख्या में वृद्घि, मृतकों के नामों का अद्यतन न होना, और अवैध नागरिकों के नाम सूची में होने जैसी समस्याओं के चलते यह पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है।

इस अभियान में हर मतदाता को गणना फॉर्म (Enumeration Form – EF) भरना होगा, जिसे बीएलओ (BLO) घर-घर जाकर वितरित और संग्रह करेंगे। फॉर्म भरने की सुविधा ऑनलाइन (voters.eci.gov.in) भी उपलब्ध है। बीएलओ तीन बार फॉर्म जमा करने का प्रयास करेंगे। बीएलओ फॉर्म प्राप्ति की रसीद देंगे। फॉर्म समय पर न देने पर प्रारूप सूची में नाम शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन दावा-आपत्ति अवधि में फॉर्म-6 और घोषणा पत्र के माध्यम से नाम जोड़ा जा सकेगा।

TAGGED:Biharincentive revisionLatest_NewsYogendra Yadav
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article Indian diplomacy आसान नहीं “स्थायी समाधान”
Next Article Trump vs journalist Media standing up to a bully

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

Kafka reified

The arrest of Dr Ali khan for a perfectly legitimate and reasonable social media post…

By Editorial Board

लोकतंत्र का शुभ–लाभ !

बारूद और लाशों के बीच बस्तर से एक अच्छी खबर आई है। खबर है कि…

By Editorial Board

रूस ने अमेरिका से कहा – ईरान पर हमला न करे, दुनिया तबाही से मिलीमीटर दूर

समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को अमेरिका…

By The Lens Desk

You Might Also Like

देश

प्रदूषण से 5 साल घट रही औसत उम्र, दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में 13 भारत के

By The Lens Desk
FTP
देश

भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर

By Lens News Network
Pahalgam incident
देश

आतंक के खिलाफ सभी दल सरकार के साथ, इधर पाकिस्‍तान ने स्थगित किया शिमला समझौता, वाघा बॉर्डर भी बंद

By Lens News
mann ki baat
देश

मन की बात: ऑपरेशन सिंदूर से लेकर वोकल फॉर लोकल तक पीएम की बड़ी बातें 

By The Lens Desk
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?