नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संविधान की प्रस्तावना में निहित ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों पर आपत्ति जताई है। होसबाले ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया गया। इस बात पर विचार किया जाना चाहिए कि इन्हें प्रस्तावना में रहना चाहिए या नहीं। होसबाले के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने आरएसएस पर निशाना साधा है।
कांग्रेस का संघ पर बड़ा हमला
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी की सोच ही संविधान विरोधी है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ये बाबा साहेब के संविधान को खत्म करने की वो साजिश है, जो आरएसएस-बीजेपी हमेशा से रचती आई है।”
इससे पहले दत्तात्रेय होसबाले ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को आपातकाल के दौरान संविधान की प्रस्तावना में शामिल किया गया था और “इन्हें प्रस्तावना में रहना चाहिए या नहीं, इस पर विचार किया जाना चाहिए।”
राहुल गांधी ने कहा उतर गया नकाब
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि आरएसएस का नकाब फिर से उतर गया। संविधान इन्हें चुभता है क्योंकि वो समानता, धर्मनिरपेक्षता और न्याय की बात करता है। RSS-BJP को संविधान नहीं, मनुस्मृति चाहिए। ये बहुजनों और गरीबों से उनके अधिकार छीनकर उन्हें दोबारा गुलाम बनाना चाहते हैं। संविधान जैसा ताकतवर हथियार उनसे छीनना इनका असली एजेंडा है। RSS ये सपना देखना बंद करे – हम उन्हें कभी सफल नहीं होने देंगे। हर देशभक्त भारतीय आखिरी दम तक संविधान की रक्षा करेगा।