SCO Summit 2025 : शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने चीन के चिंगदाओ पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कड़ा रुख अख्तियार किया। इस बैइक में चीन और पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर चुप्पी साधने की कोशिश में थे, लेकिन राजनाथ सिंह ने उनकी इस रणनीति को नाकाम कर दिया। उन्होंने उस दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, जो भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को कमजोर करता था। नतीजतन, बैठक के बाद कोई संयुक्त बयान या प्रोटोकॉल जारी नहीं हो सका।
भारत की तरफ से कहा गया कि यह संयुक्त बयान आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत स्टैंड को नहीं दिखाता है। इसमें पहलगाम हमले का कोई जिक्र नहीं है बल्कि उसकी जगह बलूचिस्तान का उल्लेख है और भारत पर वहां सांकेतिक रूप से अशांति पैदा करने का आरोप लगाया गया है।
अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया और चीन को भी उसके पाकिस्तान समर्थन पर अप्रत्यक्ष रूप से आलोचना की। राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा, “कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीतिगत हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकवादियों को संरक्षण देते हैं। ऐसे दोहरे रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। एससीओ को इन देशों की निंदा करने में संकोच नहीं करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि आतंकवाद को प्रायोजित करने, बढ़ावा देने और स्वार्थी मकसदों के लिए इस्तेमाल करने वालों को इसके परिणाम भुगतने होंगे।
मीडिया खबरों के अनुसार, इस दस्तावेज को चीन और पाकिस्तान ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर तैयार करवाया था, क्योंकि इस बार चीन ही एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। मेजबान देश होने के नाते दस्तावेज तैयार करने में उसकी बड़ी भूमिका थी। ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने पाकिस्तान के प्रति अपनी नरमी के चलते आतंकवाद के मुद्दे को हल्का करने की कोशिश की, लेकिन राजनाथ सिंह ने इस पर कड़ा रुख अपनाया।