The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
छत्तीसगढ़ के तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में 4 अफसरों सहित 11 आरोपियों को EOW ने किया गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की सीटों में फर्जीवाड़े का आरोप
2027 तक अल नस्र से ही जुड़े रहेंगे क्रिस्टियानो रोनाल्डो
बीजेपी और इन दो नेताओं की कुंडलियां
‘कहां से लड़ोगे चुनाव…’, वीडियो कॉल पर अखिलेश यादव और तेज प्रताप के बीच सियासी चर्चा वायरल
NMDC के खिलाफ हल्लाबोल
कथावाचकों से बदसलूकी पर बवाल, दो हजार प्रदर्शनकारियों ने घेरा थाना, अखिलेश यादव ने सरकार पर उठाए सवाल  
आप ने क्यों कहा – मुफ्त बिजली की जगह छत्तीसगढ़ को सबसे महंगी बिजली मिलने जा रही?
पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे का निधन
चीन में SCO की बैठक : संयुक्त बयान से पहलगाम गायब बलूचिस्तान का जिक्र, राजनाथ सिंह का दस्तखत से इनकार  
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस रिपोर्ट
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.

Home » बीजेपी और इन दो नेताओं की कुंडलियां

लेंस रिपोर्ट

बीजेपी और इन दो नेताओं की कुंडलियां

Rajesh Chaturvedi
Last updated: June 26, 2025 7:37 pm
Rajesh Chaturvedi
Share
Madhya Pradesh Politics
SHARE

दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा में दो नेता ऐसे हैं, जिनकी कुंडलियां बीते लंबे वक्त से पार्टी के ही कई नेताओं के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई हैं। संयोग से दोनों का संबंध मध्य प्रदेश से है। एक हैं-जेपी नड्डा और दूसरे-वीडी शर्मा। नड्डा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, तो शर्मा के पास मध्य प्रदेश इकाई का दायित्व है। दोनों को अपनी-अपनी जगह पर टिके हुए पांच-पांच बरस से ज्यादा समय हो गया है, जबकि पार्टी के संविधान में अध्यक्ष के कार्यकाल के लिए तीन वर्ष की समयावधि निर्धारित है।

खबर में खास
जब वीडी ने जमकर यश कमायादिल्ली खुद एक्सटेंशन पर, तो कौन पूछे?निगाहें भी वहीं, जहां निशाना90 डिग्री का पुल और डबल इंजन की वॉलीबाल

नड्डा के अगर छह माह बतौर कार्यकारी अध्यक्ष के जोड़ लिए जाएं, तो उन्हें छह साल हो गए हैं। सातवां साल शुरू हो गया है। वह जून 2019 में कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे और 20 जनवरी 2020 को पूर्णकालिक अध्यक्ष बने। जबकि वीडी शर्मा के पास 15 फरवरी 2020 से मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी है। मतलब, शर्मा के भी पांच साल पूरे हो चुके हैं और छठवां साल चल रहा है। 45 साल की बीजेपी में पहले कब ऐसा हुआ, याद किया जा रहा है।

दोनों की कुंडली और दशा-अंतर्दशा के बारे में जानकारी को लेकर चुहलबाजी भी इसीलिए हो रही है कि “इनमें आखिर ऐसा क्या है” या पार्टी की ऐसी क्या मजबूरी है, जो वह फैसला नहीं ले पा रही है। कई लोगों को उम्मीद थी कि शनि, राहु, केतु और गुरु जैसे बड़े ग्रहों के राशि परिवर्तन के बाद शायद कुछ होगा, मगर कुछ नहीं हुआ। अब सारी उम्मीदें शुभ ग्रह बुध से बंध गई हैं, जिसने दो दिन पहले ही राशि बदली है। बुध एक राशि में करीब 70 दिन बिताता है, इस लिहाज से अगले “सत्तर दिन” काफी महत्वपूर्ण बताए जा रहे हैं। हालांकि, बीते 70 दिनों को भी महत्वपूर्ण बताया गया था। और, यदि ये सत्तर दिन खाली निकल गए, तो आने वाले सत्तर दिनों को बताया जाएगा। यह सिलसिला कब थमेगा, कोई नहीं जानता।

जब वीडी ने जमकर यश कमाया

दरअसल, संगठन चुनावों को लेकर भाजपा, जो अपनी विरोधी कांग्रेस पर ‘परिवारवाद’ का आरोप लगाते नहीं थकती, इस बार उजागर हो गई है। 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले जेपी नड्डा ने भले ही यह कहा हो कि भाजपा को अब आरएसएस की जरूरत नहीं, लेकिन जो पार्टी के भीतर महसूस किया जा रहा है, उससे लगता है कि अपेक्षित नतीजे नहीं आने के फलस्वरूप वह संघ के वीटो का मुकाबला नहीं कर पा रही है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में संघ ऐसा चेहरा चाहता है, जो “सरकार” से ऊपर संगठन और उसकी लीडरशिप (संघ) को तरजीह दे। कम से कम नड्डा जैसा प्रॉक्सी न हो। जबकि ‘सत्ता’ किसी ऐसे को पार्टी की कमान सौंपना चाहती है, जो उसके इशारे पर काम करे और नजर देखकर चले। मध्य प्रदेश में आरएसएस का कामकाज शुरू से काफी फैला हुआ है। आमतौर पर पार्टी अध्यक्ष उसकी मर्जी या सहमति से ही चुने जाते रहे हैं।

मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा सबसे ताजा उदाहरण हैं, जिन्हें संघ में एक बड़े पदाधिकारी की पसंद होने का भरपूर लाभ मिला। इतना कि 2013 में वह भाजपा में आए और सात साल के भीतर फरवरी 2020 में पार्टी के अध्यक्ष बन गए। उनका कार्यकाल फरवरी 2023 तक था, लेकिन कई कारणों से उन्हें सेवा वृद्धि हासिल होती रही। अब भी वह एक्सटेंशन पर हैं। और कब तक रहेंगे, शायद उन्हें भी नहीं मालूम। वैसे भी नसीब का लिखा कौन जानता है या जान पाया है। कहा जाता है कि जो नसीब में लिखा होता है, वह होकर रहता है। नसीब में यश लिखा है, तो मिलेगा ही। जिला अध्यक्षों की नियुक्ति में वीडी ने जमकर यश कमाया। सारे बड़े नेता एक तरफ और वीडी भाई एक तरफ। समझा जा सकता है कि यश का ग्राफ कितना ऊंचा रहा होगा।

दिल्ली खुद एक्सटेंशन पर, तो कौन पूछे?

लेकिन ‘यथास्थितिवाद’ ने संगठन के कामकाज और बीजेपी कार्यकर्ताओं की उम्मीदों को खासी चोट पहुंचाई है। मोहन यादव सरकार को डेढ़ साल हो चुका है, पर सरकारी निगम-मंडल, आयोग, प्राधिकरण वगैरह में राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं। यही हाल स्थानीय निकायों में एल्डरमैन आदि का है। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान सरकार के दौरान संस्कृति विभाग से संबंधित समितियों और उपक्रमों में हुई नियुक्तियां यथावत हैं।

इसका कारण संघ है, जो कथित रूप से सांस्कृतिक संगठन होने के नाते संस्कृति को अपने खाते में गिनता है। लिहाजा, 2023 में मुख्यमंत्री बदलने के बाद इस विभाग से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई और अन्य उपक्रमों में नियुक्त पदाधिकारियों से इस्तीफे ले लिए गए। चूंकि दिल्ली खुद ‘एक्सटेंशन’ पर चल रही है, लिहाजा यह पूछने वाला कोई नहीं है कि संगठन में विभिन्न मोर्चों की कार्यसमितियों और प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठकों का आयोजन पार्टी के संविधान के मुताबिक हो रहा है या नहीं?

निगाहें भी वहीं, जहां निशाना

राजनीति में कई बार निगाहें भी वहीं होती हैं, जहां निशाना होता है। पिछले दिनों, मध्य प्रदेश लोकायुक्त ने पूर्व विधायक पारस सकलेचा की एक शिकायत को जांच में लिया, जो पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और राज्य आजीविका मिशन के पूर्व सीईओ ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ है, और जिसमें 2018 से 2022 के चार वर्षों में 500 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है। लेकिन, जांच की टाइमिंग इस पूरे मामले को रोचक बना रही है।

सबसे पहले यह कि सकलेचा ने 2023 में शिकायत की थी, लेकिन लोकायुक्त ने करीब दो साल बाद इसे जांच में लिया है। दरअसल, जिस कालखंड का यह मामला है, उस समय शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे। चौहान के जमाने में पोषण आहार का काम महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपा गया था। राज्य में करीब 4.50 लाख स्व-सहायता समूह हैं और इनसे करीब 45 लाख महिलाएं जुड़ी हुई हैं। सोचिए, इकबाल सिंह बैंस और बेलवाल की जोड़ी ने कितनी मेहनत की होगी कि शिवराज जहां जाते थे, बहनों की भीड़ ही भीड़ दिखाई पड़ती थी। इशारे को समझिए, निशाना भी वहीं है।

90 डिग्री का पुल और डबल इंजन की वॉलीबाल

भोपाल में “90 डिग्री” के पुल का दुनिया भर में मजाक बनाया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि डबल इंजन की सरकार ही ऐसा कर सकती है, सिंगल इंजन के बूते की बात नहीं। दिलचस्प यह है कि दोनों इंजन वॉलीबाल खेल रहे हैं। रेलवे कह रहा है कि गलत डिजाइन के लिए राज्य का पीडब्ल्यूडी महकमा जिम्मेदार है, वहीं पीडब्ल्यूडी रेलवे को दोषी ठहरा रहा है। लेकिन अब तक किसी की जवाबदेही तय नहीं हुई है।

TAGGED:Big_Newsjp NaddaMadhya Pradesh PoliticsVD Sharma
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article Akhilesh Yadav Tej Pratap Video Call ‘कहां से लड़ोगे चुनाव…’, वीडियो कॉल पर अखिलेश यादव और तेज प्रताप के बीच सियासी चर्चा वायरल
Next Article Protest against NMDC एनएमडीसी के दरवाजों पर जायज नारे

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

छत्तीसगढ़ के रिसाली नगर निगम में कांग्रेस को बड़ा झटका, एमआईसी सीमा साहू भाजपा में शामिल

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के रिसाली नगर निगम में कांग्रेस की शहरी सरकार को उस समय करारा…

By Lens News

Unmaking history

The modi government is celebrating the first anniversary of its third term. In what has…

By Editorial Board

जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होंगे छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लेखक और संस्कृतिकर्मी, रांची में 12 और 13 जुलाई को आयोजन

रायपुर। रांची में जन संस्कृति मंच का 17 वाँ राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित होने जा रहा…

By Lens News

You Might Also Like

अन्‍य राज्‍य

जनसंख्या आधारित परिसीमन का विरोध : तेलंगाना विस में प्रस्ताव पारित, रेवंत रेड्डी ने खोला मोर्चा

By Arun Pandey
Bomb in High Court
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, अजमल कसाब संगठन ने किया मेल

By Lens News
English

Supreme failure

By The Lens Desk
दुनिया

‘बड़े युद्ध’ के लिए स्टालिन ने कसी कमर, परिसीमन को बताया दक्षिण के राज्यों पर तलवार

By The Lens Desk
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?