रायपुर। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में वन विभाग के 4 अधिकारी समेते तेंदूपत्ता समिति के प्रबंधक हैं। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने इस मामले में सुकमा वनमंडल के तात्कालीन डीएफओ अशोक पटेल को गिरफ्तार किया था। विधानसभा में यह मामला उठने के बाद इस पर EOW ने जांच शुरू की थी।
इस घोटाले में वन विभाग के अफसर और प्रबंधकों पर आरोप है कि उन्होंने संग्राहकों को दिए जाने वाले करोड़ों रुपये के प्रोत्साहन पारिश्रमिक की राशि गबन किया। इस राशि की आपस में बंदरबांट की गई।
ईओडब्ल्यू के अनुसार, वनमंडल सुकमा के तत्कालीन डीएफओ अशोक कुमार पटेल ने वर्ष 2021 और 2022 के दौरान संग्राहकों को मिलने वाले करीब 7 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि को अन्य अधिकारियों और समिति प्रबंधकों के साथ मिलकर गबन किया। इस मामले में अशोक पटेल को 17 अप्रैल 2025 को गिरफ्तार किया जा चुका है।
गिरफ्तार किए गए आरोपी में वन विभाग के डिप्टी रेंजर चैतूराम बघेल, देवनाथ भारद्वाज, पोड़ियामी इड़िमा उर्फ हिडमा और फॉरेस्ट गार्ड मनीष कुमार बारसे हैं। इनके अलावा प्राथमिक लघु वनोपज समिति के मैनेजरों में सत्यनारायण उर्फ शत्रु पायम, मोहम्मद शरीफ, सी.एच. रमना (चिदूरी), सुनील नुप्पो, रवि कुमार गुप्ता, आयतू कोरसा, मनोज कवासी को गिरफ्तार किया गया है।
ईओडब्ल्यू ने इस संबंध में जानकारी दी कि ये सभी आरोपी अपने-अपने पद का दुरुपयोग कर संग्राहकों को मिलने वाली राशि को गबन करने के षड्यंत्र में शामिल थे। इन पर बिना किसी वैध संविदा के सरकारी धन का अनुचित उपयोग करने, निजी व्यक्तियों को राशि हस्तांतरित करने और सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।