संघर्ष विराम लागू होने के ठीक एक दिन बाद, ईरान ने इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी। बुधवार को, ईरान ने मोसाद से जुड़े तीन व्यक्तियों को फांसी की सजा दी, जबकि इजराइल से संबंधित 700 से अधिक लोगों को अब तक हिरासत में लिया जा चुका है। ईरानी अधिकारियों ने अब तक छह लोगों को मौत की सजा दी है।
अमेरिका की मध्यस्थता से 12 दिन बाद लागू हुए सीजफायर के बाद, ईरान ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया। ईरानी न्यायपालिका की आधिकारिक एजेंसी ‘मिजान’ के अनुसार, तीन पुरुषों को इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने और हथियारों की तस्करी के आरोप में दोषी ठहराया गया, जिसके बाद उन्हें फांसी दी गई। साथ ही, राज्य समर्थित मीडिया ने बताया कि इजराइल से कथित तौर पर जुड़े करीब 700 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
ईरान का दावा है कि इजराइल के जासूसों ने उसके परमाणु ठिकानों से संबंधित गोपनीय जानकारी लीक की थी। इसीलिए, संघर्ष विराम के बाद ईरान ने मोसाद से जुड़े संदिग्धों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई शुरू की। बुधवार को पश्चिमी अजरबैजान प्रांत की उर्मिया जेल में आजाद शोजाई, एड्रिस आली और इराकी नागरिक रसूल अहमद रसूल को फांसी दी गई। इन पर देश में हत्या के उपकरण लाने का आरोप था। कार्यकर्ताओं को आशंका है कि आने वाले दिनों में और लोगों को फांसी दी जा सकती है।
काले चश्मे, हैट पहले लोगों पर विशेष निगाह
ईरान ने मोसाद के संदिग्ध एजेंटों को पकड़ने के लिए खास दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हाल ही में, ईरानी मंत्रालय ने जनता से अनुरोध किया था कि काले चश्मे, हैट, मास्क पहने या बड़े बैग लिए लोगों को देखकर तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। नूर न्यूज के अनुसार, इस अपील के बाद काले चश्मे और बड़ी हैट पहनने वाले लोग संदेह के दायरे में आ गए। इसके अलावा, दिन में पर्दे बंद रखने वाले घरों या उपकरणों की आवाज आने वाली जगहों को भी संदिग्ध माना जा रहा है।