रायपुर। राजधानी रायपुर में हुए चर्चित शूटकेस हत्याकांड मामले में पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद खुलासा किया है। आरोपी वकील ने पैसे के लेनदेन के चलते अपने क्लाइंट की हत्या कर दी। इस हत्याकांड में वकील की पत्नी ने भी उसका पूरा साथ दिया था। हत्या के बाद आरोपी दिल्ली भाग गए थे। पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कोर्ट ने दो दिनों की पुलिस रिमांड पर आरोपियों को भेजा है। shootcase murder case
आखिर कैसे वकील ने क्लाइंट को उतारा मौत के घाट? खाने की फरमाइस कैसे बन गई जान की दुश्मन? क्या है पूरी कहानी पढ़िए इस रिपोर्ट में……
ये तेरा घर, ये मेरा घर
इस पूरी कहानी की शुरूआत 2015-16 से होती है। मृतक किशोर पैंकरा अपनी मां के साथ एक घर में रहता था। उसकी पत्नी और बच्चे उससे अलग रहते थे। कुछ महींनों से किशोर अपने घर में अकेला रहता था। मृतक किशोर पैंकरा ने अपने घर को 50 लाख रूपये में खरोरा के एक व्यक्ति को बेंच दिया था। लेकिन, खरीददार को किशोर पैंकरा ने उस घर का कब्जा नहीं दिया। उल्टा उसके खिलाफ कोर्ट में केस कर दिया। इस दौरान अंकित उपाध्याय ने किशोर पैंकरा से मिला। अंकित पेशे से वकील था। उसके पिता रिटायर्ड ASI हैं। अंकित ने किशोर से कहा कि वह ये केस लड़ेगा, और मकान को वापस लौटवा देगा। इसी केस के लिए अंकित ने अलग – अलग किश्तों में मृतक किशोर पैकरा से मोटा रकम ली और उसके बजरंग नगर के घर को 30 लाख रूपये में किसी और व्यक्ति को बेच दिया। खरीददार से मिली इस रकम को अंकित उपाध्याय ने अपने लिए शेयर मार्केट और अलग जगहों पर खर्च कर दिया, और मकान बेचने की जानकारी भी किशोर को नहीं दी।
मनपसंद खाना और पैसों का ताना
इसी बीच किशोर पैंकरा को मकान के बिकने की जानकारी मिली। उसने अंकित उपाध्याय से पैसों की मांग करनी शुरू कर दी। अंकित ने किशोर पैंकरा को पैसे नहीं लौटाए। किशोर रोजाना अंकित को पैसों के लिए ताना मारता था। 2024 में किशोर पैंकरा सड़क हादसे में घायल हो गया। अंकित ने किशोर से कहा कि वो उसकी सेवा करेगा और देखभाल करेगा। किशोर के घर में अंकित उसके लिए खाना लेकर जाता था और उसकी जरूरतें पूरी करता था। किशोर अंकित से रोज अलग-अलग खाने के पकवान की मांग करने लगा और उसे पैसों को लेकर ताना मारता था। अंकित इससे परेशान हो गया।
मारने की लिए किराए पर लिया घर, गाड़ी और बैग
अंकित ने किशोर के साथ हो रही बातचीत की जानकारी अपनी पत्नी शिवानी शर्मा को दी। इसके बाद दोनों ने किशोर की हत्या का प्लान बनाना शुरू किया। अंकित और शिवानी ने प्लान के अनुसार इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में डी/321 फ्लैट किराए पर लिया। इस फ्लैट को किराए से लेने के लिए कोरबा के पते का एक फर्जी आधारकार्ड का इस्तेमाल किया। साथ ही एक बड़ा लाल रंग का ट्रॉली बैग भी खरीदकर घर में रखा। अंकित ने भिलाई से 60 हजार रूपए में एक ऑल्टो कार भी खरीदी। इस ऑल्टो कार का उपयोग लाश ठिकाने लगाने के लिए किया जाना था।
हर कदम पर पत्नी का साथ
21 जून को अंकित प्लान के मुताबिक किशोर पैंकरा के घर हाण्डीपारा आजाद चौक पहुंचा। उसने उससे कहा कि तुम यहां रहते हो घर बहुत गंदा हो गया है घर की साफ- सफाई करानी है। तुम मेरे साथ चलों मेरे किराए के मकान पर रहना। किशोर पैसे की मांग करते हुए अंकित के साथ ऑल्टो कार में बैठकर इंद्रप्रस्थ कॉलोनी चला गया। इस फ्लैट में अंकित की पत्नी पहले से मौजूद थी। किशोर के फ्लैट पर पहुंचते ही उसकी पत्नी ने उसे पानी दिया। शिवानी ने कहा कि पहले नहा लो उसके बाद नाश्ता करना। किशोर नहा कर आया उसे शिवानी ने नाश्ते में पोहा दिया। पोहा खाने के बाद किशोर एक कमरे में आराम करने लगा। सुबह 10 बजे किशोर को नींद लगने के बाद अंकित किशोर के सीने पर बैठ गया और शिवानी किशोर के पैर को पकड़ी रही। अंकित ने अपने पास रखे चाकू से किशोर का गला काट दिया। इस तरह दोनो ने मिलकर किशोर की हत्या कर दी।
बदबू छुपाने लाश पर डाला परफ्यूम
हत्या को अंजाम देने के बाद दोनों पति-पत्नी लाश को वहीं छोड़कर अपने घर सत्यम विहार कॉलोनी आ गए। शाम करीब 5 बजे दोनों फ्लैट पर पहुंचे और कमरे में फैले खून को साफ किया और चाकू को भी छुपा दिया। घर में रखे ट्रॉली बैग में किशोर की लाश को पैक कर उसमें परफ्यूम डाल दिया। जिससे लाश से बदबू ना आए। अंकित ने शिवानी के साथ इसी रात गोलबाजार में एक बड़े साइज की पेटी का ऑर्डर दिया।
पेटी में लाश को सीमेंट से किया पैक
22 जून को सुबह करीब साढ़े 9 बजे दोनों फिर फ्लैट पर पहुंचे। फ्लैट से लाश की बदबू आ रही थी। दोनो एक साथ घर से निकले और हत्या में उपयोग किए गए चाकू और खून से सने टॉवल को भांठागांव में नाला में फेंक दिया। दोनों दोपहर में आर्डर किये गये पेटी को लेने के लिए गोलबाजार पेटी लाईन गये और दुकान से टिन की पेटी खरीदकर पेटी को आटो में रखवाकर इन्द्रप्रस्थ के रूम में ले गये। लाश से लगातार बदबू आने से दोनों एक हार्डवेयर दुकान से सीमेंट खरीदकर रूम आये और सीमेंट को लाश के उपर डालकर ट्राली बैग को बंद कर लाश से भरे बैग को पेटी में डालकर पेटी को बंद कर दिये, उसके बाद दोनों अपने घर आ गये।
लाश वाली लिफ्ट
23 जून को सुबह करीबन आठ बजे दोनों पति-पत्नि लाश को फेंकने का प्लान बनाकर इन्द्रप्रस्थ कालोनी के रूम में गये। दोनों रूम में पहुंचे तो रूम पूरी तरह बदबू से भरा था। दोनों ने लाश रखी हुई पेटी को उठाने की कोशिश की लेकिन नहीं उठा पाए। दोनों फिर सत्यम विहार कॉलोनी पहुंचे और अपने परिचित सूर्यकांत यदु और विनय यदु को बुलाकर पूरे हत्याकांड के बारे में बताया। सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर चारो इंद्रप्रस्थ कॉलोनी पहुंचे। अंकित उपाध्याय, सूर्यकांत यदु एवं विनय यदु तीनों मिलकर लाश रखी पेटी को लिफ्ट के जरिए नीचे लेकर आए।
सूनसान इलाके में छोड दी लाश
शिवानी शर्मा सीढ़ी से नीचे आयी फिर चारों मिलकर पेटी को अल्टो कार की डिक्की में रख दिया। अंकित के साथ सूर्यकांत यदु और विनय कार में बैठ गए। शिवानी अपनी स्कूटी से पीछे जा रही थी। अंकित ने इंद्रप्रस्थ कॉलोनी इलाके में नाले के पास एक सूनसान इलाके में ऑल्टो कार रोकी। तीनों गाड़ी से उतरे और डिक्की में रखी पेटी को वहीं छोड़कर भाग गए।
गैरेज में कार, दिल्ली भाग गए पति- पत्नी
इसके बाद अंकित उपाध्याय और विनय यदु ने अल्टो कार को कुशालपुर पुरानी बस्ती के एक गैरेज में डेन्टिंग-पेन्टिंग के लिए दिया। शिवानी शर्मा स्कूटी और सूर्यकांत यदु अपनी गाड़ी को लेकर सत्यम विहार चले गये। आरोपी दोनों पति-पत्नि घटना को अंजाम देने के बाद रात की फ्लाईट से रायपुर से दिल्ली फरार हो गये थे।
पुलिस को मिली जानकारी शुरू हुई कहानी
इसके बाद 23जून को दोपहर में पुलिस को इन्द्रप्रस्थ कालोनी रायपुरा स्थित वण्डरलैण्ड वाटर पार्क के पीछे डिपरापारा नाला के पास रोड किनारे एक लावारिश हालात में एक टिन का पेटी पड़ी होने और बदबू आने की जानकारी मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने टिन की पेटी के अंदर रखे, लाल रंग के सूटकेश के अंदर एक लाश मिली। लाश के उपर सीमेंट डाला गया था और मृतक का दोनो पैर बंधा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू की थी। पुुलिस ने इस मामले में आरोपी अंकित उपाध्याय, शिवानी शर्मा, सूर्यकांत यदु और विनय यदु को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही घटना में उपयोग हुई ऑल्टो कार, स्कूटी और पांच मोबाइल फोन जब्त किया है। घटना में उपयोग किया गया हथियार बरामद नहीं हो पाया है।