द लेंस डेस्क | कर्नाटक में भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए लोकायुक्त ( KARNATAKA RAID ) ने मंगलवार को पूरे राज्य में एक साथ कई सरकारी अधिकारियों के घरों और दफ्तरों पर छापे मारे। यह कार्रवाई बेंगलुरु, शिवमोग्गा, चिक्कमगलुरु, अनेकल, गडग, धारवाड़ और कालाबुरागी जैसे शहरों में हुई। लोकायुक्त की टीमें सुबह-सुबह इन ठिकानों पर पहुंचीं और भ्रष्टाचार के सबूत तलाशने लगीं।
आठ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। इनमें बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के इंजीनियर, चिक्कमगलुरु और अनेकल नगर पालिका के अधिकारी, एक पुलिस इंस्पेक्टर और मलप्रभा परियोजना से जुड़े इंजीनियर शामिल हैं। छापों के दौरान अधिकारियों के घरों से सोने-चांदी के गहने, नकदी, और संपत्ति से जुड़े कागजात बरामद हुए। बेलगावी में एक मुख्य अभियंता के आलीशान बंगले से भी भारी मात्रा में कीमती सामान मिला।
लोकायुक्त ने 10 से ज्यादा जगहों पर एक साथ छापे मारे। इनमें अधिकारियों के घर, दफ्तर और रिश्तेदारों की संपत्तियां शामिल थीं। कालाबुरागी में एक कार्यकारी अभियंता और पंचायत विकास अधिकारी के ठिकानों पर भी तलाशी ली गई। लोकायुक्त को शिकायत मिली थी कि ये अधिकारी अपनी आय से कहीं ज्यादा संपत्ति जमा कर रहे हैं। इस तरह की संपत्ति को ‘आय से अधिक संपत्ति’ कहा जाता है, जो भ्रष्टाचार का सबूत हो सकता है। इन शिकायतों के आधार पर लोकायुक्त ने यह कदम उठाया ताकि भ्रष्टाचार करने वालों को पकड़ा जा सके।
यह पहली बार नहीं है जब लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार के खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई की हो। मई 2025 में भी सात जिलों में छापेमारी हुई थी, जिसमें 24.4 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ था। इसके अलावा एक पूर्व पुलिसकर्मी निंगप्पा सावंत की जांच भी चल रही है, जो अधिकारियों से उगाही करके क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाता था।
लोकायुक्त का कहना है कि ऐसी कार्रवाइयों से भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और सरकारी अधिकारियों में जवाबदेही बढ़ेगी। छापेमारी सुबह जल्दी शुरू की गई ताकि कोई सबूत नष्ट न कर सके। जांच अभी जारी है, और जल्द ही और जानकारी सामने आ सकती है। लोकायुक्त ने लोगों से कहा है कि अगर उन्हें किसी सरकारी अधिकारी के भ्रष्टाचार की जानकारी हो, तो वे बिना डरे शिकायत करें।