रायपुर। राजधानी रायपुर में तालाबों का अस्तित्व खतरें में हैं। तालाब को पाटने का काम कई इलाकों में किया जा रहा है। लालपुर स्थित तालाब को लेकर नया मामला सामने आया है। यहां तालाब को बिल्डर को बेंच दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि तालाब की रजिस्ट्री करा दी गई है। और तालाब को पाटने का प्रयास किया जा रहा है। इसी मसले को लेकर ग्रामीण तालाब के बाहर धरने पर बैठे रहे। तहसीलदार के आश्वासन के बाद ग्रमीणों ने धरना बंद किया। इसके बाद ग्रामीणों ने पूर्व पार्षद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए टिकरापारा थाने का घेराव किया है। Pond Protest
ग्रामीण लीलाधर साहू ने बताया कि यह तालाब हमारे पुरखों के समय का है। कई सालों से हम तालाब का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन, इस तालाब को बेंच दिया गया है। हमें तालाब के पानी का उपयोग नहीं करने के लिए धमकी दी गई है। पूर्व पार्षद रवि ध्रुव ने इस तालाब से स्टे हटवा दिया। अब बिल्डर इस पर कब्जा कर रहा है। हम रोज आंदोलन करेंगे, लेकिन तालाब को बिकने नहीं देंगे। ये तालाब हमारा है।
धरना दे रही एक महिला ने बताया कि हम कई सालों से तालाब का उपयोग कर रहें हैं। इसी पानी का उपयोग करते हैं। लेकिन तालाब को बेंच देने से हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ेगा। हम यहीं बैठेंगे और रोज आंदोलन करेंगे। इसके लिए पहले भी हम कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने गए थे। हमें न्याय चाहिए। कुछ भी हो जाए तालाब को बिकने नहीं देंगे। इस तालाब का उपयोग हम अपने मरने, जीने के कार्यक्रम में करते हैं। इस पूरे इलाके में केवल यही एक तालाब है। ये नहीं रहेगा तो हम कहां जाएंगे। पूर्व पार्षद ने हम लोग को धोखे में रखकर तालाब का स्टे हटवाकर बेंच दिया है।
इस पूरे मामले को लेकर पूर्व पार्षद रवि ध्रुव ने द लेंस से बातचीत कर कहा कि पहली बात तो ये वो तालाब हमारे वार्ड में आता ही नहीं है। मैं इस क्षेत्र में था तो 53 नंबर वार्ड में आता था। बाबू जगजीवन राम में। सामने वाले के पास 2017 की रजिस्ट्री है। उस समय मैं पार्षद नहीं बना था। मैं 2019 में पार्षद बना हूं। हमने स्टे लगवाया था। स्टे में यह हुआ था कि सामने वाले ने कुछ चीजों को गलत तरीके से किया है। ऐसा पता चला था, हमने स्टे लिया, तो बाद पता चला कि ये जमीन प्राइवेट जमीन है। यह प्राइवेट जमीन है तालाब नहीं है। तो हम स्टे हटा लिया है। जब हम पार्षद थे तो हमको दो- तीन बार हमको कलेक्टर ने बुलाया। फिर बुलाया गया लेकिन हम पार्षद नहीं है तो क्यों जाएंगे?
उन्होंने कहा कि गांव वालों को बुरा लगा है कि हमको नहीं बताया। जबकि उनको पूरी चीजें जितना जानकारी में है सब पता है। उनको सिर्फ पैसा चाहिए। पैसा के लिए भी मुझसे डिमांड किए थे और अन्य तरीके से भी। इसके लिए मेरे को बुरा शब्द भी बोला गया है। यह भी कहा गया कि अकेले पैसे लेकर बैठ गया। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। उन लोगों को सिर्फ चाहिए कहीं से भी पैसा आ जाए।
इस मामले को लेकर बिल्डर का पक्ष नहीं मिल पाया है। पक्ष मिलने के बाद खबर अपडेट की जाएगी।