रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में ‘मरीन ड्राइव’ के लिए उजड़ती बस्ती पर अब राजनीति तेज हो गई है। शुक्रवार रात से शुरू हुए लोगों के विरोध के बाद अब सोमवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज रायगढ़ पहुंचे और जेलपारा में प्रशासन की कार्रवाई से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। मौके का जायजा लेने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि मरीन ड्राइव का निर्माण, बिल्डर्स के कॉलोनी के सुविधा के लिए किया जा रहा है यह सिर्फ उनके फायदे के लिए है। Marine Drive
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दीपक बैज कांग्रेस की तरफ से बनाए गए जांच दल जिसमें खरसिया विधायक विधायक उमेश पटेल, धर्मजयगढ़ विधायक लालजीत राठिया, लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार, सारंगढ़ विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े और बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राणलहरे के अलावा स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ रायगढ़ के मरीन ड्राइव निर्माण के लिए तोड़े गए प्रगति नगर और व्यवस्थापित किए गए मां बिहार कॉलोनी का जायजा लिया।
दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जनता में चर्चा है कि कोई बड़ी डील हुई है, कौन किया है डील? बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए गरीबों का मकान तोड़ा जा रहा है। यह कहां का न्याय है। अगर प्रशासन और शासन चाहती तो विकास भी होता और गरीबों का घर बच सकता था। लेकिन, यह गरीब विरोधी सरकार बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए गरीबों का मकान तोड़ रही है। मैं समझता हूं यह अंधेर नगरी चौपट राजा हैं और इसका भगवान ही मालिक है।
बताया जा रहा है कि यह कॉलोनी जूट मिल के अंदर बनाई जा रही है। यह कुछ सालों पहले बंद हो गया था। इस मिल पर सरकार, बिजली विभाग सहित मजदूरों के ग्रेच्युटी आदि का भी बकाया था, लेकिन कहा जा रहा कि यह मिल बिक गई है और कॉलोनी इसके अंदर डेवलप की जा रही है। आरोप है कि इसी कॉलोनी के लिए दूसरी मरीन ड्राइव की सड़क निकली गई है ताकि उस कॉलोनी के लिए दोनों तरफ सड़क की सुविधा बन जाय ताकि वहां की जमीन महंगी बिक सके। कांग्रेस ने बिल्डर्स और प्रशासन की मिलीभगत का आरोप लगाया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ रायगढ़ में ‘मरीन ड्राइव’ के लिए उजड़ती बस्ती को लेकर दूसरे दिन भी लोगों ने प्रदर्शन किया। रायगढ़ के जेलपारा मोहल्ले में मरीन ड्राइव प्रोजेक्ट के लिए घरों पर दूसरे दिन बुलडोजर चलने के दौरान लोग स्थानीय विधायक और वित्त मंत्री ओपी चौधरी का विरोध करते रहे, लेकिन प्रशासन का हथौड़ा नहीं रुका। नगर निगम से लेकर प्रशासन तक गुहार लगाई लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं हुआ।
शुक्रवार रात से लोग कलेक्टर, महापौर से लेकर रायगढ़ के स्थानीय विधायक और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बंगले के बाहर पहुंचे और घरों को गिरने से रोकने की मांग करते रहे, लेकिन कोई सुनने को तैयार ही नहीं हुआ। दो दिन से मीडिया ओपी चौधरी से बात करने की कोशिश करता रहा, लेकिन वे कुछ भी कहनें को तैयार नहीं हुए। हालांकि शनिवार को मंत्री ओपी चौधरी ने निःशुल्क आवास देने का वादा किया है, लेकिन इसके बाद भी स्थानीय लोग प्रशासन से खुश नहीं दिख रहे। उनके आक्रोश को देखा जा सकता है।