नई दिल्ली। ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों ने शनिवार देर रात इजराइल के हाइफा बंदरगाह और पास की एक तेल रिफाइनरी पर ताबड़तोड़ हमला बोला है, जिससे मध्य पूर्व में तनाव काफी बढ़ गया है। नहीं भूलना चाहिए कि हाइफा पोर्ट पर जिस कांस्टोरियम का मालिकाना है उसमें भारतीय उद्योगपति गौतम अदानी का शेयर सर्वाधिक हैं।तेहरान टाइम्स के अनुसार इस हमले ने इजराइल के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है और इसे ईरानी हितों के खिलाफ हाल ही में इजराइली सैन्य कार्रवाइयों का सीधा प्रतिशोध माना जा रहा है, जिसमें दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हमला भी शामिल है।
इजरायल के लिए कितना महत्वपूर्ण है हाइफा
हाइफा दरगाह एक महत्वपूर्ण समुद्री केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो इजराइल के 30 प्रतिशत से अधिक आयात को संभालता है, और इसका मुख्य स्वामित्व भारत के अडानी पोर्ट्स के पास है, जो 70 प्रतिशत हिस्सेदारी को नियंत्रित करता है। इस हमले ने वैश्विक शिपिंग मार्गों और वाणिज्य पर संभावित प्रभाव के बारे मे चिंताएँ पैदा कर दी हैं।
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एक तेल रिफाइनरी पर भी हमला
मिसाइलों ने बंदरगाह के पास स्थित एक प्रमुख तेल रिफाइनरी को भी काफी नुकसान पहुंचाया, जिससे इजरायल की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को खतरा पैदा हो गया। यह रिफाइनरी देश के कच्चे तेल के बड़े हिस्से को संसाधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे यह इजरायल की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हो जाती है।
समुद्री मार्गों पर संघर्ष बढ़ने की संभावना
सुरक्षा विशेषज्ञ प्रकाश के रे ने एक बातचीत में कहा है कि हाइफा को निशाना बनाने से वैश्विक ऊर्जा बाजार पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है, ख़ास तौर पर अगर संघर्ष समुद्री मार्गों या क्षेत्रीय तेल आपूर्ति को प्रभावित करता है। वह कहते हैं कि ईरान यह चाहेगा भी कि युद्ध को जलीय स्रोतों की ओर ले जाए।
तेहरान और तेल अवीव दोनों अड़े
जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती आ रही है, वैश्विक शक्तियों की ओर से शत्रुता में तत्काल कमी लाने की मांग बढ़ रही है। फिर भी, तेहरान और तेल अवीव दोनों ही अपने अगले कदमों पर सावधानी से विचार कर रहे हैं, सैन्य निर्माण और कूटनीतिक चर्चाएं चल रही हैं। अधिक व्यापक युद्ध की संभावना स्पष्ट बनी हुई है।