नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
आगामी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात लगभग 1200 बीएसएफ जवानों ने सोमवार को उदयपुर से जम्मू जाने वाली ट्रेन में चढ़ने से इनकार कर दिया, क्योंकि ट्रेन की हालत बेहद खराब थी। जो ट्रेन उपलब्ध कराई गई थी, उसकी हालत इतनी खराब थी कि जवानों ने उसमें यात्रा करने से मना कर दिया। सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें टूटी हुई खिड़कियां, कोई ऊपरी बर्थ नहीं, बल्कि बस एक जीर्ण-शीर्ण ट्रेन दिखाई दे रही है। इसके बाद, बीएसएफ ने इस मामले को भारतीय रेलवे के समक्ष उठाया, जिसके बाद एक दूसरी ट्रेन भेजी गई जो बेहतर स्थिति में थी।
अमरनाथ यात्रा और सुरक्षा बलों की भूमिका
इस घटना ने सुरक्षा बलों के साथ व्यवहार को लेकर ऑनलाइन बहस छेड़ दी है। पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी एक्स को टैग करते हुए लिखा – ‘अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात 1,200 बीएसएफ जवानों को सोमवार को उदयपुर से जम्मू जाना था, लेकिन जो ट्रेन मुहैया कराई गई, उसकी हालत इतनी खराब थी कि जवानों ने यात्रा करने से इनकार कर दिया।’
क्या कह रही रेलवे?
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी केके शर्मा ने बताया कि वायरल वीडियो में दिख रहे कोच यात्रियों के लिए नहीं थे, बल्कि उन्हें रखरखाव या समय-समय पर ओवरहालिंग के लिए ट्रेन में जोड़ा गया था। इन कोचों पर स्पष्ट रूप से गैर-यात्री के रूप में चिह्न लगा था और इन्हें सर्विसिंग के लिए ले जाया जाना था।
भ्रम को बताया वजह
शर्मा के अनुसार, कुछ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के जवान गलती से इन मेंटेनेंस कोच में चढ़ गए, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई और गलतफहमी पैदा हुई। गलती का पता चलने के बाद अगरतला में ट्रेन से दोनों कोच हटा दिए गए।
उन्होंने कहा कि सीएपीएफ कर्मियों द्वारा उठाई गई सभी चिंताओं का समाधान कर दिया गया है और ट्रेन ने अपने गंतव्य के लिए अपनी यात्रा फिर से शुरू कर दी है। अमरनाथ यात्रा इस महीने के अंत में कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू होने वाली है।